डीएनए हिंदी: भारत मुख्य तौर पर अपनी सेना के लिए रक्षा उपकरणों के लिए विदेशी कंपनियों और टेक्नोलॉजी पर निर्भर है लेकिन अब इस तमगे के भार को धीरे-धीरे कम करने के प्रयास किए जा रहे है. इसके तहत लड़ाकू विमान और लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी बनाने पर जोर दिया जा रहा है. इसके परिणाम भी अभी तक सकारात्मक रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत एयरोनॉटिकल लिमिटेड ने स्टील्थ क्षमता वाले अत्याधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर बनाया है. वही अब कड़ा कदम उठाते हुए आज मोदी कैबिनेट ने इनमें से 15 हेलीकॉप्टर को खरीदने की मंजूरी दे दी है.
मोदी सरकार ने किया फैसला
दरअसल, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) ने सेना और वायुसेना के लिए 15 स्वदेशी लाइट अटैक हेलीकॉप्टर (एलसीएच) को खरीदने की मंजूरी दे दी है. इस बैठक और फैसले को लेकर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि हाल (HAL) द्वारा निर्मित इस लाइट कंबेट हेलीकॉप्टर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. इससे देश के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी हथियार बनाने को प्रोत्साहन मिलेगा.
आपको बता दें कि 15 हेलीकॉप्टर की कीमत 3,387 करोड़ तय की गई है. एचएएल हाल ने इन हेलीकॉप्टर का निर्माण कर लिया है. इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच भारतीय सेना के लिए होंगे. स्टील्थ क्षमता के कारण ये हेलीकॉप्टर दुश्मन के रडार को आसानी से चकमा दे देंगे और इसपर किसी फायरिंग का भी असर नहीं होगा.
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भारत के पास हैं कई खतरनाक हेलीकॉप्टर
गौरतलब है कि वर्तमान में भारत के पास दुनिया के सबसे शक्तिशाली और अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर मौजूद हैं जो उसने रूस और अमेरिका से खरीदा है. रूस से एम26 हेलीकॉप्टर को दुनिया का सबसे शक्तिशाली हेलीकॉप्टर माना जाता है जबकि अमेरिका का अपाचे बेहद सटीक मारक क्षमता के साथ ऊंचाई वाली जगहों के लिए सहज माना जाता है. ये दोनों हेलीक़ॉप्टर भारत के पास हैं.
वहीं भारतीय कंपनी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने 2006 से ही इस हेलीकॉप्टर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की थी. 15 साल की मेहनत के बाद ये लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) बनकर तैयार हुआ है. इसे युद्ध क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण हेलीकॉप्टर माना जाता है.
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