बाढ़ बारिश से बेहाल देश, आफत में लोगों की जान, कहां हुआ कितना नुकसान? जानिए सबकुछ

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 11, 2023, 11:41 PM IST

कुल्लू में भीषण बारिश ने मचाई है भीषण तबाही. (तस्वीर-PTI)

उत्तर भारत के कई हिस्सों में बारिश ने भीषण तबाही मचाई है. कई जगहों पर रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी लोगों का हाल बेहाल है.

डीएनए हिंदी: देश के ज्यादातर हिस्सों में हो रही लगातार बारिश अब आफत में तब्दील हो गई है. नदियां उफान पर हैं और स्थितियां भयावह हो रही हैं. उत्तर भारत में एक अरसे बाद ऐसा हुआ है कि राजस्थान जैसे प्रदेश में बाढ़ की स्थिति है, वहीं हिमाचल में बारिश की वजह से त्रासदी जैसी स्थिति पैदा हो गई है. जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है, कई लोगों की जान जा चुकी है. संचार तंत्र ठप पड़ा है. मंगलवार को भी ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है.

उत्तर भारत के रेगिस्तान वाले राजस्थान से लेकर पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश तक लगातार हो रही बारिश मंगलवार को भी जारी रही, जिसके कारण सात और लोगों की मौत हो गई. सैकड़ों लोग अभी भी इन क्षेत्रों में फंसे हुए हैं. प्रभावित राज्यों की सरकारों ने पिछले तीन दिन की लगातार बारिश के कारण हुई भारी तबाही के मद्देनजर प्रभावित जिलों में राहत और बचाव अभियान तेज कर दिए हैं. 

बाढ़ बारिश में फंसे सैकड़ों लोग
उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण चार लोगों की मौत हुई जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. हिमाचल प्रदेश भीषण बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित है. राज्य में कम से कम 300 लोग फंसे हुए हैं. मौसम विभाग ने शिमला, सिरमौर और किन्नौर जिलों में मध्यम से भीषण बाढ़ की आशंका की चेतावनी जारी की है. 

इन राज्यों भी बारिश बनी बड़ी मुसीबत
उत्तर-पश्चिमी भारत में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश हुई है. भारी बारिश के परिणामस्वरूप इन इलाकों में नदियां, छोटी नदियां और नाले उफान पर आ गए हैं. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है और आवश्यक सेवाएं बाधित हो गईं. 



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दिल्ली में यमुना ने पार किया खतरे का निशान
राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर के निशान को पार कर गया, जिससे बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि एहतियातन पुराने रेलवे पुल को सड़क व रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. 

दिल्ली की ट्रैफिक पुलिस ने कहा है, 'यमुना नदी में पानी के खतरनाक स्तर के कारण पुराने रेलवे पुल, पुस्ता रोड गांधी नगर को अगले आदेश तक सार्वजनिक यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे तदनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं.' पुलिस ने यात्रियों से बंगला साहिब गुरुद्वारा और रकाबगंज गुरुद्वारे में गुरुपर्व समारोह के मद्देनजर बाबा खड़क सिंह मार्ग, पंडित पंत मार्ग आदि से निकलने से बचने को भी कहा. 

क्यों दिल्ली में बढ़ रहा यमुना का बेहिसाब पानी?
दिल्ली में यमुना का पानी अनुमान से पहले सोमवार शाम को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया था. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक हरियाणा द्वारा यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में अधिक पानी छोड़े जाने के कारण सोमवार शाम पांच बजे पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर बढ़कर 205.4 मीटर हो गया था और मंगलवार सुबह छह बजे तक यह 206.38 मीटर पर पहुंच गया. इसके मंगलवार शाम तक 206.75 मीटर तक पहुंचने की आशंका है. 

उत्तराखंड में भी हाल है बेहाल
उत्तराखंड में सोमवार रात उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी पुल के पास भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में तीन वाहन दब गए, जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के चार तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए. एक अधिकारी के मुताबिक चार में से तीन लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं और चौथे व्यक्ति को मलबे से निकालने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने बताया कि घायल हुए सात लोगों में से दो की हालत गंभीर है. 

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उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमावर्ती इलाके में बरसाती नदी जुम्मागाड़ में अचानक आई बाढ़ में उस पर बना पुल सोमवार रात को बह गया जिससे भारत-तिब्बत सीमा को जोड़ने वाली सड़क बंद हो गयी और एक दर्जन से अधिक सीमांत गांवों का संपर्क टूट गया. यह पुल जोशीमठ से करीब 45 किलोमीटर दूर जोशीमठ-नीति राजमार्ग पर स्थित जुम्मा गांव के पास था. 

हिमाचल प्रदेश में खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन मुश्किल
हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले में चंद्रताल झील क्षेत्र में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए भेजे गए भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को खराब मौसम के कारण वापस लौटना पड़ा. राज्य में 14,100 फुट की ऊंचाई पर स्थित चंद्रताल झील क्षेत्र में फंसे करीब 300 पर्यटकों को निकालने के लिए भारतीय वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को बुलाया गया और अधिकारियों के मुताबिक उन्हें मंगलवार रात तक सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा. 

काजा से एक बचाव दल कुंजुम दर्रा पहुंच गया है और वह झील से महज आठ किलोमीटर दूर है. राज्य के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा है कि उनमें से दो को अत्यधिक ऊंचाई होने के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है और उन्हें हवाई मार्ग से निकाला जाएगा. वहां फंसे सभी लोगों को मंगलवार रात तक सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा. उन्होंने बताया कि सोमवार को पर्वतीय राज्य में विभिन्न स्थानों से करीब 100 लोगों को बचाया गया था. 

हिमाचल प्रदेश में इन जगहों पर फंसे 800 लोग
अधिकारियों के मुताबिक, लाहौल के चंद्रताल और पागल नाला और मंडी के विभिन्न हिस्सों में अब भी करीब 800 लोग फंसे हुए हैं. लोसर और काजा की तरफ से सड़क मरम्मत के लिए दो दलों को भेजा गया है. दल में प्रशासन, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के सदस्य, पुलिसकर्मी और स्थानीय ग्रामीण शामिल हैं. 24 जून को मानसून आने के बाद से राज्य में 780 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और सड़कों, पुलों और जल आपूर्ति व्यवस्था को हुए नुकसान के कारण यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका है. सोमवार शाम से बारिश रुक गई है और बचाव कार्य और सड़क बहाली के काम में तेजी आ गई है. 

पंजाब में बारिश के बाद क्या है हाल?
पंजाब और हरियाणा में तीन दिनों की लगातार बारिश के बाद मंगलवार को मौसम साफ हो गया. बारिश के कारण दोनों राज्य के कई हिस्सों में भारी तबाही हुई है. अधिकारियों ने कहा कि रूपनगर, पटियाला, मोहाली, अंबाला और पंचकूला सहित दोनों राज्यों के प्रभावित जिलों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. पंजाब के होशियारपुर में नौ और 10 जुलाई की रात को भारी बारिश के कारण मिट्टी के घर की छत गिरने से 75 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई. सुल्तानपुर लोधी में 24 वर्षीय एक व्यक्ति के शाहकोट के पास सतलुज नदी के बाढ़ के पानी में डूबने की आशंका है. 

हरियाणा में बाढ़ का क्या है हाल?
हरियाणा के अंबाला शहर में घग्गर नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद एक आवासीय विद्यालय की कुल 730 छात्राओं को सोमवार की रात उनके छात्रावास परिसर में बाढ़ का पानी घुसने के बाद कुरुक्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया. अधिकारियों ने कहा कि चूंकि, राज्य के हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, इसलिए निकटवर्ती निचले इलाकों के लोगों को नदी के किनारे से दूर रहने के लिए कहा गया है. 

अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार सुबह नौ बजे बैराज से करीब 3.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया. बताया जा रहा है कि इस साल बैराज से छोड़े गए पानी की यह सबसे अधिक मात्रा है. यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिलों के कई गांवों और यमुना नदी से सटे गांवों को अलर्ट पर रखा गया है. 

पंजाब-हरियाणा के प्रभावित इलाकों में बत्ती गुल
पंजाब और हरियाणा के कुछ सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है, लेकिन अधिकारी उन्हें बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं. हरियाणा में जलभराव के कारण अंबाला-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई प्रमुख राजमार्गों को अस्थायी रूप से यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. 

यूपी में बारिश के बाद कैसी है स्थिति?
उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में आधी रात के आसपास लगातार बारिश के कारण एक मंजिला मकान ढह जाने से 42 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी और बेटा घायल हो गए. राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में भी भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई, जहां सोमवार रात को प्रतापगढ़ जिले में 35 वर्षीय एक व्यक्ति उफनती कर्मवाछनी नदी में डूब गया. (इनपुट: भाषा)

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