डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत कर्ज देने के बहाने 1,000 से ज्यादा लोगों को ठगने के आरोप में 25 महिलाओं समेत 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी बुधवार को दी.
अधिकारी के अनुसार, एक महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसमें कहा गया था कि उसे सतीश नाम के एक व्यक्ति का फोन आया. व्यक्ति ने खुद को बैंक कर्मचारी के रूप में पेश किया. उसने महिला को पीएमईजीपी के तहत 6 लाख रुपये का ऋण देने की पेशकश की. योजना के तहत 5 लाख रुपये मुख्य ऋण के रूप में और 1 लाख रुपये सब्सिडी के रूप में लौटाए जाने थे.
शिकायतकर्ता उसके जाल में फंस गई और ठग द्वारा दिए गए बैंक खाते में 21,500 रुपये ट्रांसफर कर दिए. बाद में ठग ने शिकायतकर्ता को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया और फोन उठाना बंद कर दिया.
इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 34 के तहत बुद्ध विहार थाने में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की है.
जांच के दौरान शिकायतकर्ता के साथ-साथ आरोपी के बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया गया. पता चला कि सतीश कुमार के खाते से ठगी गई रकम को शुभान खान के यूपीआई खाते में ट्रांसफर कर दिया गया.
मंगलवार को गुप्त सूचना के आधार पर महेंद्र पार्क के पास स्थित एक भवन में छापेमारी की गई जहां फर्जी कॉल सेंटर में 25 महिलाओं समेत 28 लोग काम करते पाए गए.
मुख्य आरोपियों की पहचान योगेश मिश्रा, सुनीता शर्मा, सुभान खान और दीकू समेत 24 अन्य आरोपियों के रूप में हुई है.
पूछताछ में पता चला कि ठगों का यह गिरोह टेलीकॉलिंग के जरिए पीएमईजीपी के तहत कर्ज देता था. वे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से ठगी करते थे.
इस गिरोह ने पिछले 2 वर्षों में एक हजार से अधिक लोगों को ठगा है और भारी मात्रा में धन की लूट की है. कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए वे पता बदल लेते थे.
अधिकारी ने कहा, आरोपी व्यक्तियों से अन्य मामलों में उनकी संलिप्तता के लिए और पूछताछ की जा रही है.
(इनपुट- आईएएनएस)