डीएनए हिंदी: दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रवासी भारतीय मूल के लोग हैं. इनकी संख्या 1.8 करोड़ (18 million) है. द इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (IOM) की ताजा रिपोर्ट में ये आंकड़ा सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक, दूसरे स्थान पर मेक्सिको 1.18 करोड़ और तीसरे स्थान पर चीन है, जिसके एक करोड़ लोग विदेश में रहते हैं. भारत इस मामले में साल 2015 से लगातार सबसे आगे है.
मैक्सिको के प्रवासी ज्यादातर अमेरिका में रहते हैं. जबकि भारत के लोग अलग-अलग देशों में फैले हुए हैं. फिर चाहे बिजनेसमैन हो, छात्र या ब्लू-कॉलर वर्कर्स. पिछले दो साल में 77.2 लाख भारतीय प्रवासियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. प्रवासियों का सबसे बड़ा देश अमेरिका है. यहां करीब 5.1 करोड़ प्रवासी हैं. यह आंकड़ा दुनिया की आबादी का 3.5 प्रतिशत है.
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प्रवासियों में सबसे अधिक यानी 14.1 करोड़ लोग यूरोप और उत्तर अमेरिका महाद्वीप में रहते हैं. प्रवासियों में 52 % पुरुष हैं. करीब दो तिहाई यानी 16.4 करोड़ प्रवासियों को रोजगार की तलाश है.
प्रवासियों की संख्या में टॉप देशों की लिस्ट
- भारत (India)- 1.8 करोड़
- मेक्सिको (Mexico)- 1.1 करोड़
- रूस (Russia)- 1.1 करोड़
- चीन (China)- 1 करोड़
- सीरिया (Syria)- 80 लाख
- बांग्लादेश (Bangladesh)- 70 लाख
- पाकिस्तान (Pakistan)- 60 लाख
- यूक्रेन (Ukraine)- 60 लाख
- फिलीपींस(Philippines)- 60 लाख
- अफगानिस्तान (Afghanistan)- 60 लाख
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आईओएम विदेश जाने वाले यात्रियों का रिकॉर्ड रखता है. यात्रा का उद्देश्य मैन्युअल रूप से भरा जाता है. यात्रा करने वाले यात्रियों के वीजा पर विदेश जाने का मकसद का जिक्र होता है. पिछले साल भारत से जनवरी से नवंबर के बीच 4.4 लाख छात्र पढ़ने के लिए विदेश गए. 2019 में यह आंकड़ा 0.58 मिलियन और 2018 में 0.52 मिलियन था.
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