डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की एक लेडी ट्रेनी IFS अफसर पूजा नागले ट्रेंड में हैं. पूजा ने राजस्थान से वन माफियाओं के पास से लाखों से रुपये की चोरी की गई सागौन की लकड़ी छुड़ा ली है. पूजा को इलाके में लेडी सिंघम के तौर पर जाना जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक यह लाखों की लकड़ी बैतूल के दक्षिण वन मंडल क्षेत्र के महूपानी जंगल से वन माफिया उड़ा ले गए थे और इस इलाके की जिम्मेदार अधिकारी ट्रेनी आईएफएस अफसर पूजा नागले हैं तो उन्होंने इस लकड़ी को वापस लाने में जो बहादुरी दिखाई, उसके लिए उनकी तारीफ की जा रही है.
लकड़ी की चोरी होने के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया था. दक्षिण वन मंडल के प्रभारी डीएफओ वरुण यादव ने लकड़ी छुड़ाने के लिए टीम का गठन किया था. इस टीम को पूजा नागले ही लीड कर रही थीं. इस मामले में मुखबिरों ने उस ट्रक की जानकारी दी जिस ट्रक में लकड़ी ले जाई गई थी.
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ट्रक ड्राइवर से मिली अहम जानकारी
लकड़ी ले जाने वाले ट्रक के ड्राइवर का नाम पिपलोदे यानी उर्फ भूरा है. भूरा ने बताया कि महू पानी के जंगल से काटी गई लकड़ी ट्रक के माध्यम से राजस्थान के भीलवाड़ा में बेची गई है. वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद डीएफओ वरुण यादव ने पूजा नागले को राजस्थान जाकर लकड़ी पकड़ने की अनुमति दी थी.
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लकड़ी छुड़ाने के लिए वन विभाग की 13 कर्मियों की टीम 11 मई को 700 किलोमीटर का सफर कर जयपुर पहुंची. इसके बाद 12 मई को भीलवाड़ा के हरिपुर गांव की आरा मशीन पर टीम ने छापा मारा. यह वही जगह है जहां अवैध लकड़ी बेची गई थी. वन विभाग की टीम के पहुंचते ही आरा मशीन के कर्मचारी इधर-उधर भागने लगे.
वन विभाग की टीम वापस लाई लकड़ी
आरा मशीन के मालिक रामेश्वर सुथार ने वन विभाग के अधिकारियों को पूरी कहानी बता दी. इस तरह टीम आरा मशीन से 13 घन मीटर सागौन की लकड़ी बरामद कर उसे वापस बैतूल ले आई. आरा मशीन के मालिक ने बताया कि उसने लकड़ी गोकुल विश्नोई से 7 लाख रुपये में खरीदी थी. इस लकड़ी की सरकारी कीमत 12 लाख रुपए बताई जा रही है.
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इस मामले में मध्य प्रदेश की वन विभाग ने ट्रक ड्राइवर भूरा और आरा मशीन मालिक रामेश्वर सुथार को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं वन माफिया गोकुल बिश्नोई, भजन बिश्नोई और दीपक हरदा जिले के रहने वाले हैं. फिलहाल वे सभी फरार चल रहे हैं. इस सफलता के लिए टीम को लीड करने वाली पूजा नागले की वन विभाग द्वारा तारीफ हुई है.
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