डीएनए हिंदी: MP Assembly Election 2023- एकसमय राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का प्रमुख चेहरा रहीं साध्वी उमा भारती अब भगवा दल की योजनाओं में फिट नहीं हैं. यही कारण है कि मध्य प्रदेश की इस पूर्व मुख्यमंत्री का नाम शुक्रवार को विधानसभा चुनाव के लिए जारी भाजपा की स्टार प्रचारक लिस्ट में गायब दिखा है. भाजपा ने मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में उमा भारती का नाम नहीं है. खुद उमा भारती को भी इस बात का अंदाजा था. यही कारण है कि एक दिन पहले यानी गुरुवार को ही वे भगवा दल पर हमलावर दिखी थीं. उन्होंने एकतरफ भाजपा सरकार के अधूरे रह गए काम गिनवाए थे, वहीं अगले कुछ दिन हिमालयी इलाके में रहने की भी जानकारी अपने समर्थकों को दी थी.
भाजपा की लिस्ट में ये भी हैं प्रमुख चेहरे
मध्य प्रदेश चुनाव (Madhya Pradesh Chunav 2023) के लिए भाजपा की स्टार प्रचारक लिस्ट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी नाम शामिल है. इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है.
भाजपा को दिखाया था उमा ने आईना
उमा भारती ने एक दिन पहले ही भाजपा को उसके अधूरे काम गिनाकर आईना दिखाया था. उन्होंने ट्वीट में कहा था कि भाजपा सरकार गौ संवर्धन और गौ संरक्षण का काम संतोषजनक तरीके से नहीं कर पाई. सरस्वती माता का वास होने के बावजूद केंद्र और राज्य में हमारी पार्टी की सरकार उन्हें भोजशाला मंदिर में नहीं विराजमान कर सकी. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि अपने कामों के आधार पर बीजेपी जनता के पास जाएगी और फिर से पार्टी की सरकार बनेगी. उमा ने यह भी कहा कि वे कुछ दिन हिमालय की शरण में रहेंगी. इससे पहले भी उमा भारती कई बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साध चुकी हैं. उन्हें लेकर उमा भारती बयानबाजी कर चुकी हैं. माना जा रहा है कि उनकी यह उटपटांग बयानबाजी ही उनके खिलाफ गई है. इसी कारण पार्टी ने उन्हें चुनाव में साथ नहीं रखा है.
उमा को सीएम चेहरा बनाकर कांग्रेस से छीनी थी भाजपा ने सत्ता
उमा भारती 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौर में भाजपा के सबसे चर्चित चेहरों में से एक थीं. उन्हें भगवा दल का मध्य प्रदेश में प्रमुख नेता माना जाता था. साल 2003 में उमा भारती को भाजपा ने मध्य प्रदेश में सीएम पद का चेहरा बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में भाजपा को जीत मिली थी. इसके साथ ही राज्य में 10 साल से दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में चली आ रही कांग्रेस सरकार का शासन खत्म हो गया था. इसके बाद लगातार भाजपा की ही सरकार राज्य में रही है. भाजपा के इस विजयी सफर के लिए उमा भारती की आम जनता में लोकप्रियता को जिम्मेदार माना जाता रहा है.
पहले राज्य से हटाया, फिर केंद्र से भी किया बाहर
भाजपा ने उमा भारती को मुख्यमंत्री बनने के एक साल बाद ही इस पद से हटा दिया था. इसके बाद उन्हें राज्य की राजनीति से हटाते हुए केंद्र में लाया गया. 2014 में सांसद बनने के बाद 2017 में उन्हें जल मंत्री बनाया गया, लेकिन पार्टी के मौजूदा नेतृ्त्व से टकराव के चलते उन्हें बाद में हटना पड़ा. इसके बाद साल 2019 में लोकसभा के लिए टिकट नहीं मिलने पर उमा केंद्रीय राजनीति से भी बाहर हो गई थीं.
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