MP: IAS अधिकारी ने The Kashmir Files पर किए विवादित ट्वीट, भड़के BJP विधायक ने की कार्रवाई की मांग

| Updated: Mar 20, 2022, 08:29 AM IST

IAS अधिकारी ने कहा है कि कशद कश्मीर फाइल्स की तरह ही देश में मुसलमानों पर हुए अत्याचारों पर भी फिल्म बनाई जानी चाहिए.

डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश कैडर (Madhya Pradesh) के एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी ने 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) फिल्म को लेकर कई विवादित ट्वीट किए हैं और कहा है कि जैसे कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचारो पर फिल्म बनी है ठीक वैसे ही देश में मुस्लिमों के साथ हुए अत्याचारों पर भी फिल्म बनाई जानी चाहिए. इसके बाद सरकार द्वारा उन पर कार्रवाई की बात कही गई है. वहीं बीजेपी के नेता तक उन पर हमलावर हो गए हैं.

अपने ट्वीट्स में IAS अधिकारी नियाज खान ने लिखा, "कश्मीर फाइल्स ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है. उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए. निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए एक फिल्म भी बनानी चाहिए. मुसलमान कीड़े नहीं हैं, बल्कि इंसान हैं. इसी देश के नागरिक हैं. नियाज खान ने अपने ट्वीट में कहा है कि वे अलग-अलग मौकों पर मुसलमानों के नरसंहार को दिखाने के लिए एक किताब लिखने का सोच रहे हैंं जिससे द कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म बनाने के लिए कोई निर्माता आगे आए. ऐसी फिल्म में अल्पसंख्यकों के दर्द और पीड़ा को भारतीयों के सामने लाया जा सकेगा. 

नियाज ने लिखा कि समाज का एक हिंसक तबका है जिसने सच सुनने के लिए अपने कान बंद कर लिए हैं. तथाकथित पढ़े-लिखे लोग भी सच बोलने वाले को गाली देने के लिए गली के स्तर की भाषा का इस्तेमाल करते हैं. खराब परवरिश और कट्टरपंथियों की कंपनी ने उनका दिमाग खा लिया है. गंदी भाषा का प्रयोग उनके दिमाग को दिखाता है. 

गौरतलब है कि नियाज़ वर्तमान में लोक निर्माण विभाग (PWD) के उप सचिव के रूप में तैनात हैंवो सार्वजनिक मुद्दों पर स्पष्ट राय रखते हैं. उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के लिए भी जाना जाता है.  वहीं उनके इस रूख को राज्य का प्रशासन आपत्तिजनक मान रहा है. इस बीच सत्तारूढ़ भाजपा के राज्य सचिव रजनीश अग्रवाल ने खान के ट्वीट को प्रचार हासिल करने का एक और प्रयास करार दिया है. अग्रवाल ने शनिवार को कहा, "वह प्रचार के भूखे आदमी हैं और पहले भी इसी तरह के काम कर चुके हैं। अब समय आ गया है कि राज्य सरकार उनके कामों पर संज्ञान ले और उचित कार्रवाई करे."

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इससे स्पष्ट है कि जल्द ही उन पर द कशमीर फाइल्स फिल्म के विरोध में आपत्तिजनक टिप्पणी करने और पुराने कई मामलों को उठाने को लेकर कार्रवाई की जा सकती है. वहीं इस मामले में भाजपा विधायक ने अधिकारी की आलोचना की है. रामेश्वर शर्मा ने तीखा पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि चलिए 30 साल बाद ही सही आपने माना तो कि कश्मीरी पंडितों-हिंदुओं के साथ अन्याय, अत्याचार, बर्बरता हुई. 30 साल बाद आपने माना तो इस्लामिक कट्टरवाद, जिहाद के लिए कैसे हिंदुओं को मिट्टी में मिलाने की सोच का उदाहरण 19 जनवरी, 1990 को पेश किया गया. इसके साथ ही बीजेपी विधायक ने आईएएस अधिकारी ने सख्त कार्रवाई की मांग की है. 

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