डीएनए हिंदी: MS Dhoni Latest News- भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक नई मुश्किल में फंस गए हैं. धोनी के दो पूर्व बिजनेस पार्टनरों ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाखिल कर दिया है. यह मुकदमा दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल किया गया है. हाई कोर्ट ने गुरुवार को अपनी रजिस्ट्री को इस मुकदमे के लिए महेंद्र सिंह धोनी को समन भेजकर जानकारी देने का निर्देश दिया है. साथ ही दोनों याचिकाकर्ताओं को एक सप्ताह के अंदर मुकदमे के लिए कोर्ट फीस जमा रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश दिया है. मुकदमे की पहली सुनवाई 29 जनवरी को तय की गई है.
क्या है पूरा मामला
महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के खिलाफ मुकदमा उनके पूर्व बिजनेस पार्टनर मिहिर दिवाकर और उनकी पत्नी सौम्या दास ने दाखिल किया है. दिवाकर व दास ने हाई कोर्ट से एमएस धोनी, कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और मीडिया घरानों के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा जारी करने और उन्हें हर्जाना दिलाए जाने की गुहार लगाई है. दोनों का आरोप है कि उनके खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान चलाए गए हैं.
हाई कोर्ट ने दिया है ये आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट में यह याचिका जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह की बेंच के सामने पेश की गई, जिन्हें बताया गया कि याचिकाकर्ताओं ने इस याचिका की जानकारी धोनी को नहीं दी है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट ने मौखिक रूप से वादी पक्ष को याचिका की प्रति पूर्व भारतीय कप्तान को देने का निर्देश दिया है. जस्टिस सिंह ने कहा, याचिका में दिए गए आरोपों और इस सवाल पर जाने से पहले कि क्या ऐसी निषेधाज्ञा दी जा सकती है, यह ज्यादा उचित लग रहा है कि प्रतिवादी नंबर-1 (एमएस धोनी) को सीधे इस मुकदमे को दाखिल करने की जानकारी दी जाए. जस्टिस सिंह ने आगे कहा, रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि वह प्रतिवादी नंबर-1 को उनके ईमेल एड्रेस पर इस संबंध में एक मेल भेजे. इसकी सूचना उनका प्रतिनिधित्व करने वाली कानूनी फर्म को भी दी जाए.
29 जनवरी को सूचीबद्ध किया गया है मामला
हाई कोर्ट ने इसके बाद मामले को सुनवाई के लिए 29 जनवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. साथ ही याचिकाकर्ताओं को एक सप्ताह के अंदर कोर्ट फीस जमा कराने का आदेश दिया है. याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि निषेधाज्ञा उन मामलों में भी जारी की जा सकती है, जो कोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया के तहत विचाराधीन हैं. उन्होंने कहा, क्रिकेटर की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर याचिकाकर्ताओं के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता भी मीडिया में अपना जवाब दे सकते हैं और कह सकते हैं कि उन्होंने धोखेबाजी नहीं की है.
मीडिया कंपनियों के वकीलों ने की केस खारिज करने की मांग
एक मीडिया हाउस की तरफ से पेश वकील ने दलील दी कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. उन्होंने दलील दी कि मीडिया हाउस IPC की धारा 499 (मानहानि) के प्रावधानों के खिलाफ पूरी तरह से संरक्षित हैं, क्योंकि मीडिया केवल उस आपराधिक मुकदमे की कार्रवाई को कवर कर रहा है, जो क्रिकेटर की तरफ से याचिकाकर्ताओं के ऊपर रांची कोर्ट में दाखिल किया है.
क्यों हो रहा है दोनों पक्षों में टकराव
महेंद्र सिंह धोनी ने हाल ही में मिहिर दिवाकर और सौम्या दास के खिलाफ रांची कोर्ट में धोखाधड़ी का आपराधिक केस दाखिल किया है. धोनी के वकील के मुताबिक, पूर्व भारतीय कप्तान ने दिवाकर और दास पर अपने साथ 16 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. यह रकम धोनी और दिवाकर व दास के बीच क्रिकेट एकेडमियां स्थापित करने को लेकर 2017 में किए गए कॉन्ट्रेंक्ट के तहत मिलनी थी. धोनी ने यह मुकदमा स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी आरका स्पोर्ट्स के दो डायरेक्टरों के खिलाफ किया है. ये दोनों डायरेक्टर दिवाकर व दास हैं. इसी मुकदमे की सुनवाई की रिपोर्टिंग के खिलाफ दास व दिवाकर ने दिल्ली हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दाखिल किया है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.