डीएनए हिंदी: मुंबई में आज ही के दिन ठीक 14 साल पहले भीषण आतंकी हमला (Mumabi Terror Attack) हुआ था. 26/11 हमले के नाम से चर्चित इस हमले ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई समेत पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया. उस वक्त पुलिस सिस्टम, इंटेलिजेंस और अन्य एजेंसियों को लेकर काफी सवाल उठे. पुलिसकर्मियों की संख्या और उनके ड्यूटी सिस्टम को लेकर भी खूब सवाल उठे. 14 साल बीत चुके हैं लेकिन ऐसा लगता है कि हम अभी तक सीखे नहीं हैं. 14 साल पहले भी भारत में पुलिसकर्मियों की संख्या कम थी. संयुक्त राष्ट्र के मानकों के हिसाब से आज भी भारत में पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम है. दूसरी तरफ, 9/11 जैसे हमले झेल चुके अमेरिका ने 26/11 के आतंकी हमलों के बाद सबक सीखा. अमेरिका में SHEILD की मदद से हर तरह के आतंकी हमलों को रोकने की कोशिश की जाती है. यह संस्था प्राइवेट एजेंसियों और प्राइवेट गार्ड्स के साथ काम करती है.
मुंबई हमले के एक महीने बाद ही अमेरिका ने एक रिपोर्ट तैयार की. इस हमले में 160 से ज़्यादा लोगों की जान गई थी. हमला भारत पर हुआ लेकिन चिंता अमेरिका की बढ़ गई थी. इस रिपोर्ट में कुछ ऐसे बचावों की चर्चा की गई जिनकी मदद से ऐसे हमलों को रोका जा सके. इसी रिपोर्ट के हिसाब से अमेरिका की इंटेलिजेंस एजेंसी FBI और शील्ड की मीटिंग बुलाई गई. इसके बाद अमेरिका ने न्यूयॉर्क शहर में हजारों प्राइवेट गार्ड तैनात किए.
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512 लोगों पर एक पुलिसकर्मी
भारत में साल 2008 और 2022 के पुलिस बल की तुलना करें तो ज्यादा बड़ा अंतर नहीं आया है. आज भी देश भर में पुलिसकर्मियों के 26,23,223 पद स्वीकृत हैं. देश में सिर्फ़ 20,91,488 पुलिसकर्मी ही तैनात हैं. केंद्रीय बलों में 11,09,511 पद स्वीकृत हैं जबकि तैनात सिर्फ़ 9,82,391 पुलिसकर्मी हैं. आंकड़ों की बात करें तो भारत में साल 1997 में 695 लोगों पर एक पुलिसकर्मी तैनात होता था. 2022 तक इसमें मामूली कमी आई है और 511.81 लोगों पर एक पुलिसकर्मी तैनात है.
साल 2008 में मुंबई हमले के समय देश की जनसंख्या लगभग 114 करोड़ थी. उस वक्त देशभर में पुलिसकर्मियों की संख्या 17.46 लाख थी. तब 653 लोगों पर एक पुलिसकर्मी तैनात था. एक लाख व्यक्तियों पर सिर्फ़ 116.97 पुलिसकर्मी ही तैनात थे. 2022 में इस संख्या में मामूली इजाफा हुआ है. अब एक लाख की जनसंख्या पर 195.39 लाख पुलिसकर्मी तैनात हैं. वहीं, अब एक पुलिसकर्मी 511.81 लोगों के लिए काम करता है.
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1 लाख पर होने चाहिए 222 पुलिसकर्मी
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 1 लाख की जनसंख्या पर कम से कम 222 पुलिसकर्मी होने चाहिए. सिंगापुर जैसे देशों में 1 लाख की जनसंख्या पर लगभग 600 पुलिसकर्मी तैनात हैं. यानी सिर्फ 167 लोगों के लिए 1 पुलिसकर्मी. भारत में यही आंकड़ा लगभग चार गुना ज़्यादा है. 14 सालों में पुलिसकर्मियों की संख्या में जो इजाफा हुआ है, वह अपराध और आतंकवाद की घटनाओं को देखते हुए नाकाफी है.
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