8,000 रुपये किलो मटन, 2,000 रुपये का चिकन मसाला, 5 स्टार होटल नहीं ये है Mumbai Jail का 'VIP मेन्यू कार्ड', पढ़ें पूरी बात

कुलदीप पंवार | Updated:Aug 10, 2024, 12:24 PM IST

Mumbai Jail VIP Food Menu: मुंबई की एक जेल में बंद भीमा-कोरेगांव केस के आरोपी और पेशे से वकील सुरेंद्र गाडलिंग ने भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को शिकायत भेजकर इस 'फूड करप्शन' की शिकायत की है.

Mumbai Jail VIP Food Menu: जेल में बंद कैदियों को सादा खाना दिया जाता है, लेकिन जेलों में 'VIP' कैदियों के लिए 'समानांतर' व्यवस्था चलाए जाने के आरोप भी लगाए जाते हैं. जेल अधिकारियों को पैसे देकर कुछ भी हासिल करने के आरोप नए नहीं है. अब ऐसे ही आरोप नवी मुंबई की तलोजा जेल को लेकर सामने आए हैं. जेल का वीआईपी फूड मेन्यू वायरल हो गया है, जिसमें 8 हजार रुपये में मटन मसाला, 1,500 रुपये में हैदराबादी बिरयानी, 2 हजार रुपये में फ्राइड चिकन, 7,000 रुपये में मटन करी मुहैया कराई जाती है. यह मेन्यू भीमा कोरेगांव केस (Bhima Koregaon) में जेल में बंद मानवाधिकार वकील सुरेंद्र गाडलिंग ने ठाणे के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग को शिकायत के साथ भेजा है, जिसके बाद जांच शुरू कर दी गई है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एकतरफ गरीब कैदियों को जेल में ढंग का खाना भी नहीं मिल रहा है, वहीं वीआईपी कैदियों को मोटी रकम लेकर चिकन, मटन से लेकर चाइनीज फूड तक परोसा जा रहा है.

कैसा है वीआईपी मेन्यू का रेट कार्ड

News 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, गाडलिंग ने खारघर की तलोजा जेल के वरिष्ठ जेलर सुनील पाटिल के खिलाफ 30 जुलाई को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को शिकायत भेजी है. इसमें जेल में चल रहे वीआईपी मेन्यू का रेट कार्ड दिया गया है. गाडलिंग ने बताया है कि जेल अधिकारियों ने फ्राइड चिकन के 2000 रुपये, हैदराबादी बिरयानी के 1500 रुपये, शेजवान चावल के 500 रुपये, झींगा बिरयानी के 2000 रुपये, चिकन मसाला के 1000 रुपये, चिकन मिर्च के 1500 रुपये, मटन करी के 7000 रुपये, गाल वाली बात के 2000 रुपये, मनचूर चिकन के 1500 रुपये, मटन मसाला के 8000 रुपये, शाकाहारी मंचूरियन के 1000 रुपये, वेज बिरयानी के 1000 रुपये, अंडा बिरयानी के 500 रुपये और स्पेशल वेज पकोड़ा के 1000 रुपये रेट तय किया हुआ है. 

रोजाना बदलता है रेट कार्ड

गाडलिंग ने अपनी शिकायत में यह भी बताया है कि वीआईपी कैदियों का यह रेट कार्ड रोजाना बदलता है. इसके लिए लेटेस्ट रेट कार्ड रोजाना सुबह 5.30 बजे से 6.30 बजे के बीच में वीआईपी कैदियों को दिए जाते हैं. गाडलिंग का आरोप है कि इस वीआईपी फूड की रिश्वत कैश में ली जाती है. इसके लिए कैदियों में ही कमीशन एजेंट जेल अधिकारियों ने बना रखे हैं. इस रिश्वत में 40 फीसदी हिस्सेदारी जेल अधिकारियों की है, जबकि बाकी पैसा इन कमीशन एजेंटों और वीआईपी मेन्यू के लिए जेल में सामान लेकर आने वाले लोग रख लेते हैं. 

जेल में बंद हैं विधायक समेत कई वीआईपी कैदी

तलोजा जेल में फिलहाल कई वीआईपी कैदी बंद हैं, जिनमें विधायक गणपत गायकवाड़ भी शामिल हैं. आरोप है कि तलोजा जेल की कैंटीन में ही इन वीआईपी कैदियों के लिए यह खाना परोसा जाता है. गाडलिंग ने आरोप लगाया है कि इन वीआईपी कैदियों को खुश करने का खामियाजा गरीब कैदियों को भुगतना पड़ रहा है, जिनके हिस्से का राशन जेल अधिकारी डकार जाते हैं और उन्हें बेहद घटिया खाना मुहैया कराया जा रहा है.

पहली बार नहीं लगे हैं तलोजा जेल के सीनियर जेल पर आरोप

यह पहला मौका नहीं है, जब तलोजा जेल के सीनियर जेलर सुनील पाटिल पर 'वीआईपी कैंटीन' चलाने के आरोप लगे हैं. HT की रिपोर्ट के मुताबिक, भीमा कोरेगांव केस में ही गिरफ्तार पुणे के कबीर कला मंच के कार्यकर्ता सुनील गोरखे ने भी ऐसे आरोप लगाए थे. जेल में रहकर लॉ की डिग्री लेने वाले गोरखने नवी मुंबई पुलिस कमिश्नर को ऐसा ही वीआईपी फूड मेन्यू भेजकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. 

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