Nanital Sinking: नैनीताल की धरती में बढ़ीं दरारें, जानिए कहां-कहां है खतरा, कहां चल रही है जांच

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 20, 2023, 12:26 AM IST

Nanital का यह वर्ल्ड फेमस नजारा Naina Peak से ही दिखाई देता है.

Nanital Land Cracks: जोशीमठ में आई दरारों ने पहले ही उत्तराखंड के पहाड़ों में आए धंसाव को लेकर चिंता का माहौल बना रखा है. अब वर्ल्ड फेमस नैनीताल के भी धंसने की खबरें आ रही हैं.

डीएनए हिंदी: Nanital Latest Update- उत्तराखंड के पहाड़ों में भूधंसाव को लेकर एक बार फिर चिंता का माहौल बन गया है. साल की शुरुआत में पूरी दुनिया में जोशीमठ के धंसाव (Joshimath Sinking) की चर्चा थी, लेकिन इस बार चिंताजनक खबर वर्ल्ड फेमस टूरिस्ट स्पॉट नैनीताल (Nanital) से सामने आई है. नैनीताल के दो सबसे मशहूर टूरिस्ट स्पॉट नैना देवी पीक (Naina Devi Peak), जिसे चाइना पीक (China Peak) भी कहते हैं और टिफिन टॉप (Tiffin Top) इलाकों में जमीन में बड़ी दरारें देखी गई हैं. इन दरारों के कारण बने खौफ के माहौल के बीच शुक्रवार को एक्सपर्ट्स की टीम ने इनकी जांच की. लैंडस्लाइड मिटिगेशन एक्सपर्ट्स (Landslide Mitigation Experts) की टीम इन दरारों पर रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिसके आधार पर उत्तराखंड सरकार को ट्रीटमेंट कराने के लिए सिफारिश की जाएगी.

देहरादून से आई है एक्सपर्ट्स की टीम

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, देहरादून के उत्तराखंड लैंडस्लाइड्स मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर (Uttarakhand Landslides Mitigation and Management Centre) की टीम ने शुक्रवार को नैनीताल में जांच शुरू की. ULMMC की टीम ने नैना देवी पीक और टिफिन टॉप इलाकों में दरारों की जांच की है. बता दें कि नैना देवी पीक पुराने समय से ही लैंडस्लाइड्स के लिए बेहद कुख्यात रही है.

चार दिन निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट देगी टीम

नैनीताल जिले के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेश कुमार के मुताबिक, ULMMC की टीम गुरुवार को यहां पहुंच गई थी. टीम 4 दिन तक यहीं रहकर लैंडस्लाइड और दरारों के कारणों की जांच करेगी. ये दरार अपर नैनीताल हिल एरिया में देखने को मिली हैं. टीम की रिपोर्ट के आधार पर सरकार इन इलाकों में ट्रीटमेंट कराने का काम शुरू करेगी. टीम को लीड कर रहे असिस्टेंट इंजीनियर प्रेम सिंह नेगी के मुताबिक, गुरुवार को नैना देवी पीक और शुक्रवार को टिफिन टॉप का निरीक्षण किया गया है. टीम लारिया कांता, आलू खेत और बिड़ला विद्या मंदिर इलाकों का भी निरीक्षण करेगी. ये भी लैंडस्लाइज-प्रोन इलाके हैं. नैनीताल हिल स्टेशन को बचाने के लिए लैंडस्लाइड प्रोन इलाकों में और जहां दरारें आई हैं, उन इलाकों में ट्रीटमेंट कराना जरूरी है. यदि समय पर ट्रीटमेंट नहीं कराया गया तो हालात बहुत ज्यादा खराब हो जाएंगे.

9 मई से टिफिन टॉप को कर रखा है बंद

मई के पहले सप्ताह में टिफिन टॉप इलाकों में कुछ दरारों की रिपोर्ट मिली थी. इसके बाद तत्कालीन जिलाधिकारी धीरज गर्ब्याल ने 9 मई को टिफिन टॉप एरिया में टूरिस्ट्स के जाने पर रोक लगा दी थी ताकि कोई हादसे का शिकार ना हो जाए. जिलाधिकारी ने राज्य सरकार को नैनीताल के पहाड़ों के अंदर चल रही जियोलॉजिकल मूवमेंट का जियोटेक्निकल सर्वे कराने के लिए पत्र लिखा था. उन्होंने इसके लिए यहां एक हाई-लेवल टीम भेजने की सलाह सरकार को दी थी. इसके बाद ही ULMMC की टीम नैनीताल भेजी गई है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Nanital Nanital Sinking Nanital Cracks Nanital Landslide landslide uttarakhand news