डीएनए हिंदी: चिराग पासवान ने 2020 के विधानसभा चुनावों के दौरान कई बार कहा था कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हनुमान हैं. अब वह मोदी कैबिनेट में भी शामिल हो सकते हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि 12 जुलाई को होने वाले कैबिनेट विस्तार में उन्हें भी जगह मिल सकती है, वहीं उनके चाचा पशुपति पासवान की कैबिनेट से विदाई हो सकती है. ये खबरें, सिर्फ अटकलें हैं, इनके बारे में कोई पुष्ट खबर सामने नहीं आई है.
चिराग पासवान के मोदी कैबिनेट में शामिल होने की संभावना वाली खबरें, ऐसे ही नहीं चल रही हैं. केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने क जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान से मुलाकात की है.
ऐसा माना जा रहा है कि बिहार की सियासत में कुछ बड़ा होने वाला है. चिराग पासवान के मोदी कैबिनेट में शामिल होने की खबरें अचानक हर मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर आने लगी हैं. साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद चिराग पासवान की बीजेपी से अनबन हो गई थी.
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नित्यानंद राय ने चिराग से मिलकर क्या कहा?
चिराग पासवान से मुलाकात के बाद नित्यानंद राय ने कहा, 'यह हमारा पुराना घर है. जब हम मिलते हैं तो हमेशा अच्छा लगता है. राम विलास पासवान और बीजेपी ने लोगों के कल्याण के लिए काम किया है. विपक्षी एकता पीएम मोदी की लोकप्रियता के डर की वजह से है. न तो उनके पास कोई नेता है और न ही कोई नीति. उन्हें नीति, सेवा और नेतृत्व के बारे में पीएम मोदी से सीखना चाहिए.'
मंत्रिमंडल में शामिल होने को लेकर क्या बोले चिराग पासवान?
जी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक चिराग पासवान ने कहा कि चीजें फाइनल होने के बाद ही वह इस बारे में कुछ कह सकते हैं. चिराग ने कहा कि नित्यानंद राय के साथ उनकी विस्तृत बैठक हुई और कई मुद्दों पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि जब तक गठबंधन फाइनल नहीं हो जाता तब तक विवरण का खुलासा करना संभव नहीं है. आगे और भी कई बैठकें होने की संभावना है.
क्या होगा चिराग पासवान का पोर्टफोलियो?
जी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक चिराग पासवान को 12 जुलाई को मोदी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है. उन्हें बाद में कोई पोर्टफोलियो दिया जा सकता है. दूसरी ओर, एलजेपी में बगावत का नेतृत्व करने वाले उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को मोदी कैबिनेट छोड़ना पड़ सकता है.
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किन मंत्रियों पर मंडरा रहा है खतरा?
आरके सिंह और अश्विनी कुमार चौबे समेत अन्य मंत्रियों को भी मौजूदा कैबिनेट से बाहर जाना पड़ सकता है. बीजेपी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में अपने जातीय समीकरण को दुरुस्त करने की कोशिश कर रही है. कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी केंद्रीय मंत्रिमंडल से बाहर की जा सकती हैं. उनका विभाग मोदी सरकार के किसी वरिष्ठ मंत्री को मिल सकता है.
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