डीएनए हिंदी: Lok Sabha Elections 2024- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 15 अगस्त को लाल किले से देश के नाम 10वीं बार संदेश दिया था. इस संदेश में पीएम ने बेहद विश्वास के साथ दावा किया था कि अगले साल भी लोकसभा चुनाव के बाद लाल किले पर झंडा फहराने वे ही आएंगे. पीएम के इस दावे को अब एक सर्वे ने भी पुख्ता सहारा दिया है, जिसमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर जनता का रुख स्पष्ट होता दिख रहा है. प्रतिष्ठित सर्वे एजेंसी पोलस्टर्स इंडिया के इस सर्वे में भारतीय राजनीति की हकीकत और धारणा के बीच का अंतर सामने आ गया है. 'पार्लियामेंट टू रेड फोर्ट' नाम से किए गए सर्वे में अधिकतर लोगों ने यकीन जताया है कि 15 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री मोदी ही लाल किले पर 11वीं बार स्वतंत्रता दिवस भाषण देने के लिए वापसी करेंगे. इसका मतलब है कि विपक्षी दल संसद के अंदर और लाल किला समारोह, दोनों जगह परसेप्शन वॉर (perception war) में अपनी इमेज बिल्ड करने में नाकाम हो गए हैं. लोकसभा चुनाव होने में महज 8 महीने शेष हैं और कांग्रेस नेतृत्व वाले गठबंधन को भाजपा नेतृत्व वाले NDA के सामने अहम चुनौती देने के लिए लंबी दूरी तय करने की जरूरत दिखाई दे रही है.
54% लोग बोले- पीएम मोदी करेंगे वापसी
सर्वे में शामिल 54 फीसदी लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही लाल किले पर वापसी करने के दावे पर यकीन जताया है. सर्वे में 37% लोग ऐसे रहे, जिन्हें चुनावी लड़ाई बेहद करीबी होने की उम्मीद है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लाल किला समारोह के बहिष्कार को 55% लोगों ने गलत माना है. इनका कहना है कि खड़गे को लाल किले पर हुए आयोजन से दूर नहीं रहना चाहिए था. इसी तरह 62% लोगों का कहना है कि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को राक्षस वाला बयान नहीं देना चाहिए था. सर्वे में शामिल 52% लोगों का कहना है कि विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव से भाजपा को ही फायदा हुआ है, जबकि 40% लोगों ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A का पलड़ा भारी माना है.
मोदी बनाम राहुल: भाषण में कौन अच्छा?
सर्वे में लोगों से पूछा गया कि भाषण के मामले में Modi vs Rahul के लिहाज से कौन सा ज्यादा बेहतर है. करीब 52% लोगों ने संसद में पीएम मोदी के भाषण को सब पर भारी बताया, जबकि 39% लोगों को राहुल गांधी सबसे आगे दिखाई दिए. सर्वे में सामने आए तथ्यों से देश का राजनीतिक माहौल तमाम उतार-चढ़ावों के बावजूद फिलहाल भाजपा नेतृत्व वाले NDA गठबंधन के साथ ही लग रहा है. विपक्षी गठबंधन फिलहाल संसद के भीतर और फिर लाल किले के स्वतंत्रता दिवस समारोह में लड़ाई हारा हुआ ही दिखा है.
लोकसभा परिणाम के मिले हैं संकेत
लाल किले से भाषण देते समय जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले लोकसभा चुनाव के बाद 2024 में भी वापसी का दावा किया था तो उनका एक खास मकसद था. यह मकसद जनता को अगले साल को लेकर एक संकेत देने की कोशिश का था. यह संकेत था लोकसभा चुनाव के परिणाम का. पीएम मोदी जनता के मन में एक धारणा बनाना चाहते थे कि भाजपा ही जीत रही है. सर्वे के हिसाब से देखा जाए तो वे इस बात में सफल रहे हैं. इसी कारण 54% लोगों ने उन्हें ही जीत का दावेदार माना है.
फिर भी ये है भाजपा के सामने बड़ी चुनौती
सर्वे में भले ही भाजपा नेतृत्व वाला NDA गठबंधन आगे दिख रहा है, लेकिन हकीकत में उसके सामने एक बड़ी चुनौती भी है. यह चुनौती विपक्षी गठबंधन के कारण कई जगह राजनीतिक समीकरण बदलने की है. अब भाजपा को सत्ता में वापसी करने के लिए उत्तर और पश्चिम भारत में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करना होगा. इन दोनों जोन में लोकसभा-2019 में भाजपा गठबंधन ने 258 में से 220 सीट जीती थीं. इस बार भी ऐसा ही कुछ करना होगा, जिसमें सबसे अहम महाराष्ट्र रहेगा, जहां अभी तक ऊंट किसी एक करवट बैठता नहीं दिख रहा है.
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