डीएनए हिंदीः नवजोत सिंह सिद्धू को 1988 में हुए रोड रेज मामले सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई है. पहले इस मामले में सिद्धू को कोर्ट से राहत मिल गई थी. तब कोर्ट ने उनके ऊपर महज एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. बाद में पीड़ित पक्ष इस मामले को लेकर दोबारा कोर्ट पहुंचा. रोड रेस में शख्स की मौत मामले में दाखिल हुई रिव्यू पिटीशन पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.
क्या है मामला
मामला करीब 3 दशक पुराना है. 27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे. मार्केट में कार पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई. हाथापाई के दौरान सिद्धू ने गुरनाम सिंह को घुटना मारकर गिरा दिया. गुरनाम गंभीर रूप से घायल जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. रिपोर्ट में आया कि गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी.
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इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया गया था. दिसंबर 2006 में हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई. साथ ही 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
सिद्धू ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने गैर इरादन हत्या में सिद्धू को बरी कर दिया. हालांकि चोट पहुंचाने के मामले में उन पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.
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