3 मार्च तक ईडी की हिरासत में रहेंगे Nawab Malik, कोर्ट ने स्वीकारी ED की दलीलें

| Updated: Feb 23, 2022, 10:30 PM IST

पीएमएलए कोर्ट में पेशी के दौरान नवाब मलिक के खिलाफ ईडी की दलीलें स्वीकारी गईं. दूसरी ओर उनके इस्तीफे पर शिवसेना-एनसीपी ने अपना रुख स्पष्ट किया है.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और दाऊद इब्राहिम से पैसे के लेन-देन संबंधी मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. वहीं अब पीएमएलए कोर्ट में नवाब मलिक को एक बड़ी झटका लगा है क्योंकि कोर्ट ने उन्हें तीन मार्च तक ईडी की रिमांड में भेजने का फैसला सुनाया है. हालांकि शिवसेना और एनसीपी ने स्पष्ट कर दिया है कि नवाब मलिक से मंत्री पद से इस्तीफा नहीं लिया जाएगा. 

14 दिन की मांगी थी हिरासत

सुबह-सुबह छापेमारी फिर लंबी पूछताछ और आनन-फानन में गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने नवाब मलिक की मुश्किलें बढ़ाते हुए सबसे पहले नीति के तहत जे.जे अस्पताल में उनका मेडिकल कराया और फिर उन्हें पीएमएलए कोर्ट के सामने पेश कर दिया. ईडी ने यहां कोर्ट से नवाब के खिलाफ दलीलें देते हुए मलिक की 14 दिनों की हिरासत की मांग की थी. ऐसे में कोर्ट ने ईडी की दलीलों को तो तवज्जो दी लेकिन रिमांड 14 की बजाए 8 दिन की कर दी है. इसके तहत अब नवाब मलिक 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में रहेंगे. 

नहीं लिया जाएगा इस्तीफा

गौरतलब है कि 15 फरवरी को एक छापेमारी के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग  केस में नवाब मलिक के खिलाफ एक केस फाइल किया था और इसी में जांच के तहत अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. उनकी गिरफ्तारी से बीजेपी जहां महाराष्ट्र सरकार समेत एनसीपी के खिलाफ हमलावर और नवाब मलिक का इस्तीफा लेने की मांग कर रही है तो वहीं शिवसेना और एनसीपी ने स्पष्ट कर दिया है कि गिरफ्तारी के बावजूद नवाब मलिक का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा.

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लामबंद होता दिखा विपक्ष 

आपको बता दें कि नवाब मलिक की गिरफ्तारी के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी सक्रिय हैं और उनके घर इस मुद्दे पर बैठक भी हुई है. वहीं यह भी माना जा रहा है कि कल उनकी मुलाकात शिवसेना सुप्रीमो और राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे से भी हो सकती है. दूसरी ओर इस मुद्दे पर विपक्ष मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ लामबंद होता नजर आ रहा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लेकर कांग्रेस तक ने ईडी की इस कार्रवाई की आलोचना की है. वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शरद पवार से इस मुद्दे पर फोन पर बातचीत भी की है. 

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