NCERT Syllabus Changes: अब एनसीईआरटी के बच्चों को नहीं पढ़ाई जाएगी चार्ल्स डार्विन की एवोल्यूशन थ्योरी, साइंटिस्ट्स ने कर दिया बवाल!

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Apr 24, 2023, 01:43 PM IST

Charles Darwin's theory 

Charles Darvin Evolution Theory: एनसीआरटी के इस कदम को लेकर वैज्ञानिकों का विरोध सामने आया है और इसको लेकर एक ओपन लेटर भी लिखा गया है.

डीएनए हिंदी: मुगल काल के कई प्रसंगों को हटाने के बाद अब NCERT ने साइंस के सिलेबस से दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक चार्ल्‍स डार्विन की एवोल्‍यूशन थ्‍योरी को भी हटाने का फैसला लिया है. अब कक्षा 9वीं और दसवीं के छात्रों के पाठ्यक्रम में डार्विन की ये थ्योरी नहीं होगी. बोर्ड के फैसले पर अब सवाल खड़े हुए हैं. इस मामले में देशभर के 1,800 से अधिक वैज्ञानिकों, शिक्षकों और विज्ञान से जुड़े लोगों ने NCERT के फैसले पर सवाल उठाए हैं और एक ओपन लेटर भी जारी किया है. 

NCERT के इस फैसले को लेकर ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी ने एक प्रेस स्‍टेटमेंट जारी किया. इसमें 'कोर्स से थ्‍योरी ऑफ एवोल्‍यूशन के खिलाफ एक अपील' शीर्षक वाला पत्र भी शामिल है. इस पर भारतीय विज्ञान संस्थान, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जैसे बड़े वैज्ञानिक संस्थानों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं. लोगों ने बोर्ड से यह फैसला वापस लेने की अपील की है.

NCERT ने क्या दिया है तर्क

दरअसल, NCERT ने Covid-19 महामारी के बाद छात्रों पर बोझ को कम करने के लिए और कोर्स को तर्कसंगत बनाने की कोशिश की है. इसके चलते ही पहले मुगलों से जुड़े कई प्रसंग हटाए गए थे. वहीं अब विज्ञान की पाठ्यपुस्तक के अध्याय 9, 'आनुवांशिकता और विकास' को 'आनुवंशिकता' से बदल दिया गया था. इस मामले में शिक्षाविदों का मानना था कि ऐसा सिर्फ एक शैक्षणिक सेशन के लिए किया गया है, मगर अब इसे पर्मानेंट तौर पर सिलेबस से हटा दिया गया है. वैज्ञानिक समुदाय का मानना है कि डार्विन के विकास के सिद्धांत को कोर्स से हटाना 'शिक्षा का उपहास' करना है. 

डार्विन की थ्योरी को लेकर वैज्ञानिकों ने अपने पत्र में कहा है कि विकास का सिद्धांत बच्‍चों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और डार्विन का प्राकृतिक चयन का सिद्धांत छात्रों को जरूरी सोच और वैज्ञानिक पद्धति के महत्व के बारे में शिक्षित करता है. इसलिए छात्रों को डार्विन की थ्योरी का ज्ञान देना बेहद जरूरी है. 

जेमिनी सर्कस वाले शंकरन का निधन, सेना में किया था काम, विश्व युद्ध के बाद हुए थे रिटायर  

क्या है डार्विन का सिद्धांत

डार्विन की थ्योरी की बात करें तो चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन का नाम सबसे महान वैज्ञानिकों की लिस्‍ट में सबसे ऊपर आता है. उनके द्वारा दिया गया 'प्राकृतिक चयन द्वारा विकास' का वैज्ञानिक सिद्धांत आधुनिक विकासवादी अध्ययनों की नींव माना जाता है. डार्विन ने निष्‍कर्ष निकाला कि पृथ्‍वी पर मौजूद सभी प्रजातियां मूलत: एक ही प्रजाति की उत्‍पत्ति हैं. परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने की प्रवृत्ति ही जैव-विविधता को जन्‍म देती है. डार्विन की इस थ्योरी से संबंधित सभी बातों को अब एनसीईआरटी ने सेलेबस से ही हटा दिया है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.