2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 30% इजाफा, किस राज्य में सबसे ज्यादा केस?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 02, 2022, 09:30 AM IST

National Commission for Women

राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 30,864 शिकायतों में से, अधिकतम 11,013 सम्मान के साथ जीने के अधिकार से संबंधित थीं.

डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की एक रिपोर्ट में महिला अपराधों से जुड़े मामलों पर बड़ी जानकारी सामने आई है. राष्ट्रीय महिला आयोग को साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की करीब 31,000 शिकायतें मिलीं थी जो 2014 के बाद सबसे ज्यादा हैं. इनमें से आधे से ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश के थे. महिलाओं के खिलाफ अपराध की शिकायतों में 2020 की तुलना में 2021 में 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ था. साल 2020 में कुल 23,722 शिकायतें महिला आयोग को मिली थीं.

राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 30,864 शिकायतों में से, अधिकतम 11,013 सम्मान के साथ जीने के अधिकार से संबंधित थीं.  घरेलू हिंसा से संबंधित 6,633 और दहेज उत्पीड़न से संबंधित 4,589 शिकायतें थीं. सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की सबसे अधिक 15,828 शिकायतें दर्ज की गईं, इसके बाद दिल्ली में 3,336, महाराष्ट्र में 1,504, हरियाणा में 1,460 और बिहार में 1,456 शिकायतें दर्ज की गईं. 

शिकायतों के बीच क्या है अच्छी खबर?

आंकड़ों के मुताबिक, सम्मान के साथ जीने के अधिकार और घरेलू हिंसा से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुईं. NCW को 2014 के बाद से प्राप्त शिकायतों की संख्या पिछले साल सबसे ज्यादा रही. 2014 में कुल 33,906 शिकायतें प्राप्त हुई थीं. आयोग की चेयरमैन रेखा शर्मा (Rekha Sharma) ने इससे पहले कहा था कि शिकायतों में तेजी इसलिए हो रही है क्योंकि आयोग लोगों को अपने काम के बारे में ज्यादा जागरूक बना रहा है. 

रेखा शर्मा ने कहा कि इसके अलावा, आयोग ने हमेशा महिलाओं की मदद के लिए नई पहल शुरू करने का काम किया है. इसके अनुरूप, हमने जरूरतमंद महिलाओं को सहायता सेवाएं प्रदान करने के और उनकी शिकायतें दर्ज करने के लिए चौबीसों घंटे का एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है.

जुलाई से सिंतबर तक हर महीने 3,100 से ज्यादा शिकायतें

जुलाई से सितंबर 2021 तक, हर महीने 3,100 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुईं, आखिरी बार 3,000 से अधिक शिकायतें नवंबर, 2018 में प्राप्त हुईं, जब भारत का ‘मी टू’ आंदोलन  (#MeToo Movement) अपने चरम पर था. आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के शील भंग या छेड़छाड़ के अपराध के संबंध में 1,819 शिकायतें मिली हैं, बलात्कार और बलात्कार (Rape) की कोशिश 1,675 शिकायतें, महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की 1,537 और साइबर अपराधों की 858 शिकायतें मिली हैं.

साइबर सुरक्षा के बारे में जानकारी देने की दिशा में काम करने वाली एक एनजीओ (NGO) 'आकांक्षा श्रीवास्तव फाउंडेशन' की संस्थापक, आकांक्षा श्रीवास्तव ने कहा कि जब शिकायतें बढ़ती हैं तो यह अच्छी बात है. इसका मतलब है कि अधिक महिलाओं में बोलने का साहस है और अब इसके लिए मंच उपलब्ध है और वे जानती हैं कि कहां शिकायत करनी है. 

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