'सुसाइड फैक्ट्री' बने कोटा में एक और आत्महत्या, NEET की तैयारी कर रहे छात्र ने फांसी लगाई, 8 साल में 795 से ज्यादा मौत

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 28, 2023, 07:41 PM IST

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Rajasthan News: राजस्थान का कोटा शहर एकसमय इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के सबसे अच्छे कोचिंग सेंटरों के लिए फेमस था, लेकिन यहां पढ़ाई के लिए बनाया जाने वाला दबाव अब किशोरों की जान ले रहा है.

डीएनए हिंदी: Kota News- कोचिंग संस्थानों के बूते इंजीनियर-डॉक्टर की 'फैक्ट्री' कहलाने वाला राजस्थान का कोटा शहर अब 'सुसाइड फैक्ट्री' बन गया है. कोटा में रहकर मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम NEET की तैयारी कर रहे एक और छात्र ने आत्महत्या कर ली है. छात्र का शव कोटा के कुन्हाड़ी इलाके के कृष्णानगर में अपने ही घर के एक कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला है. मृत छात्र उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिला निवासी तनवीर पुत्र मोहम्मद हुसैन था. उसके पिता भी कोटा में ही 11वीं और 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स को ट्यूशन पढ़ाते हैं. तनवीर कोचिंग संस्थान में पढ़ने के बजाय पिछले एक साल से सेल्फ स्टडी से तैयारी कर रहा था. माना जा रहा है कि सेल्फ स्टडी के चलते दूसरे स्टूडेंट्स से पिछड़ने के दबाव में तनवीर ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया है. इस साल कोटा में कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रहे 30 से ज्यादा छात्रों ने सुसाइड जैसा कदम उठाया है, जबकि पिछले 8 साल में कोटा में 795 से ज्यादा युवा सुसाइड कर चुके हैं. राज्य सरकार ने कोटा में सुसाइड के कारणों की जांच के लिए मनोवैज्ञानिकों की कमेटी बनाने के बजाय 'सुसाइड रोकने वाला पंखा' टंगवाने का कैंपेन चलाया था, जिसकी बेहद हंसी उड़ाई गई थी.

कपड़े बदलने के लिए कमरे में गया था तनवीर

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 20 साल का तनवीर कोटा में अपने पिता और बहन ताहिदा के साथ 1 BHK मकान में रह रहा था. बुधवार दोपहर को करीब 3 बजे तनवीर कपड़े चेंज करने की बात अपनी बहन ताहिदा से कहकर कमरे में गया था और दरवाजा अंदर से बंद कर लिया था. बहुत देर तक दरवाजा नहीं खुलने पर बहन को शक हुआ और उसने पिता को बताया. पिता तत्काल घर आए. इसके बाद कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो तनवीर का शव पंखे पर फांसी के फंदे से लटका हुआ था. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस को अब तक तनवीर का लिखा हुआ कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिससे आत्महत्या का सही कारण पता नहीं लगा है.

RTI में सामने आए थे कोटा में सुसाइड के भयावह आंकडे़

कोटा में पढ़ाई का दबाव युवाओं को किस तरह मार रहा है, इसके भयावह आंकड़े सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगे गए जवाब में सामने आए थे. एक्टिविस्ट एंड सायकायट्रिस्ट काउंसलर सुजीत स्वामी को कोटा पुलिस से मिले डाटा से पता चला है कि 8 साल में कोटा जिले में 1,747 सुसाइड हो चुकी हैं, जिनमें से 795 मामलों में मरने वाले 12 से 30 साल की उम्र के थे.

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