डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया. नया भवन, ब्रिटिश औपनिवेशिक युग के ठीक उलट है. प्रधानमंत्री मोदी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राजदंड कहे जाने वाले सेंगुल की स्थापना संसद भवन में की है. ऐतिहासिक सेंगुल, सत्ता की संप्रभुता और राज्य के कल्याण का प्रतीक है.
उद्घाटन समारोह के दौरान भारतीय संस्कृति की झलक साफ-साफ नजर आई है. प्रधानमंत्री मोदी ने सर्व धर्म समभाव का भी ख्याल रखा, जिसमें अलग-अलग धर्मों के लोगों ने अपने-अपने तरीके से मंगल पाठ किया है.
आइए जानते हैं पीएम मोदी के उद्घाटन समारोह पर धार्मिक नेताओं की क्या प्रतिक्रिया है-
1. अविनाशी मठ के कामची दासर स्वामी ने कहा, पीएम मोदी के पास सभी 'सद्गुण' हैं. दासर स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ में कई बातें कहीं.
2. हिमालय बौद्ध सांस्कृतिक संघ के अध्यक्ष लामा चोस्फेल जोतपा ने कहा, 'नए संसद भवन का आज उद्घाटन किया गया है. मैंने बौद्ध रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा-अर्चना की. सभी को एकजुट होकर देश के विकास के लिए काम करना चाहिए और राजनीति को अलग रखना चाहिए.
3. तमिलनाडु के वेल्लकुरुचि अधीनम के 18वें पुजारी ने कहा, 'आज का दिन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है. नए संसद भवन का उद्घाटन किया जा रहा है. स्पीकर की कुर्सी के पास 'सेंगोल' लगाया जाएगा. पीएम ने कल सभी आधीनम को सम्मानित किया था.'
4. मदुरै अधीनम के 293 वें प्रधान पुजारी श्री हरिहर देसिका स्वामीगल ने कहा, 'मुझे नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भाग लेने पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है. पीएम मोदी हमेशा तमिल संस्कृति और तमिल लोगों के साथ गर्व से खड़े रहे हैं. मोदी जी पहले पीएम हैं जिन्होंने तमिल आधीनमों को आमंत्रित किया और गर्व से संसद में तमिल संस्कृति को प्रोत्साहित किया.'
5. जैन संत आचार्य लोकेश मुनि ने कहा, 'भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक दिन है. राजदंड(सेंगोल) को उचित स्थान मिला है. आज सभी परंपराओं की प्रार्थना हुई है.'
12 धर्मों के पुजारियों ने लिया उद्घाटन समारोह में हिस्सा
12 धर्मों के धार्मिक नेताओं ने उद्घाटन समारोह के दौरान नई संसद में 'सर्वधर्म' प्रार्थना की. समारोह सुबह 7:30 बजे एक हवन के साथ शुरू हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद का औपचारिक उद्घाटन किया.