New Parliament Building: नए संसद भवन के उद्घाटन पर भिड़े सरकार और विपक्ष, 20 पार्टियों ने बनाई समारोह से दूरी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 25, 2023, 12:56 PM IST

New Parliament Building Inauguration 

New Parliament Building के उद्घाटन को लेकर पीएम मोदी पर विपक्ष भड़का हुआ है. 40 राजनीतकि दलों में से 20 ने उद्घाटन समारोह का बायकॉट करने की बात कही है.

डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन (New Parliament Building Inauguration) करने वाले हैं. इस समारोह को लेकर विपक्षी दल मोदी सरकार (Modi Government) पर भड़के हुए हैं. पीएम मोदी (PM Modi) द्वारा उद्घाटन होने के लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों को कहना है कि पीएम मोदी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) का अपमान कर रहे हैं क्योंकि यह उद्घाटन द्रौपदी मुर्मू के हाथों ही होना चाहिए. इस बीच आज एक बार फिर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना अकबर से कर दी और पीएम को 'मोदी द इनॉग्रेट' बता दिया है. 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "यह एक व्यक्ति का अहंकार और आत्म-प्रचार की इच्छा है जिसने पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है." जयराम रमेश ने पीएम पर तंज कसते हुए उन्हें मोदी द इनॉग्रेट (उद्घाटन) करार दिया है. 

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PM मोदी ने किया राष्ट्रपति का अपमान

नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा, "कल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रांची में झारखंड उच्च न्यायालय परिसर में देश के सबसे बड़े न्यायिक परिसर का उद्घाटन किया. यह एक व्यक्ति का अहंकार और आत्म-प्रचार की इच्छा है जिसने पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को 28 मई को नई दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन करने के संवैधानिक विशेषाधिकार से वंचित कर दिया है."

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PM Modi को बताया 'मोदी द इनॉग्रेट'

जयराम रमेश ने देश में महान की उपाधि पाए दो शासकों से तुलना करते हुए आगे लिखा, "अशोक द ग्रेट, अकबर द ग्रेट और मोदी द इनॉग्रेट." इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर पूरा विपक्ष यह दावा कर रहा है कि पीएम मोदी की जगह इस संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए. इसके चलते विपक्षी दल एक जुट हो गए हैं.

सरकार को मिला गुलान नबी आजाद का साथ

इस मौके पर जम्मू कश्मीर के डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने भी मोदी सरकार का बचाव कर दिया है. उन्होंने कहा, "जिस समय पीवी नरसिम्हा राव पीएम थे, शिवराज पाटिल स्पीकर थे और मैं संसदीय कार्य मंत्री था. तब शिवराज जी ने मुझसे कहा था कि एक नया और बड़ा संसद भवन 2026 से पहले बनकर तैयार होना चाहिए. नया भवन तब से बनाना जरूरी था. ऐसे में यह तो अच्छा हुआ है कि अब बन गया है. मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता कि उद्घाटन समारोह में कौन शामिल होगा या कौन बहिष्कार करेगा."

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20 विपक्षी दलों ने किया है विरोध

नए संसद भवन के समारोह को पीएम मोदी के खिलाफ एकजुटता तैयार करने का अवसर बना दिया है.  देश के 40 में से 20 विपक्षी दलों ने इस समारोह में न जाने का फैसला किया है. इसमें कांग्रेस से लेकर एनसीपी, आरजेडी, एनसीपी, पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, जेडीएस, लेफ्ट, जेएमएम जेडीयू, आम आदमी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दल शामिल हैं. 

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NDA को मिला इनका साथ

एक तरफ जहां देश में 40 में से 20 विपक्षी दल मोदी सरकार के विरोध में खड़े हैं तो वहीं अब इस मामले में एनडीए को इन विपक्षी दलों का साथ भी मिला है. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी से लेकर आंध्र प्रदेश की YSRCP, मायावती की पार्टी बसपा और पंजाब की शिरोमणि अकाली दल ने संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने का ऐलान किया है. इसे मोदी सरकार के लिए विपक्षी एकता के संकट के सामने एक राहत के तौर पर भी देखा जा रहा है. 

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