डीएनए हिंदीः मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista project) के प्रमुख आकर्षण नए संसद भवन की बिल्डिंग (New parliament building) पर 282 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च होंगे. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन और निर्माण कार्य में कुछ बदलाव के बाद इसकी लागत बढ़ गई है. संसद भवन प्रोजेक्ट का भूमिपूजन दिसंबर 2020 में हुआ था. परियोजना की जिम्मेदारी संभाल रहा टाटा प्रोजेक्ट्स करीब 40 फीसदी काम खत्म कर चुका है.
कब तक पूरा होगा काम
पहले इस प्रोजेक्ट को 75वें स्वाधीनता समारोह तक पूरा किया जाना था. अब इसका काम अगस्त के बजाए अक्टूबर 2022 तक पूरा होगा. सरकार की तैयारी इसमें शीतकालीन सत्र आयोजित कराने की है. प्रस्तावित चार मंजिला इमारत करीब 13 एकड़ के क्षेत्र में फैली होगी.
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क्यों तैयार हो रही नई इमारत
दरअसल 1927 में तैयार हुई इस बिल्डिंग में अब दरारें आ गई हैं. लोकसभा और राज्यसभा में सीटों की व्यवस्था के लिहाज से भी यह अपनी पूरी क्षमता पर पहुंच गया है. यह बिल्डिंग ना तो भूकंपरोधी है और ना ही इसमें अग्नि सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं. नई बिल्डिंग के लोकसभा चैंबर में के 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है जिसे ज्वाइंट सेशन के दौरान 1224 सदस्यों तक बढ़ाया जा सकता है.
नई संसद में ये होंगी खूबियां
नए भवन के निर्माण के दौरान वायु एवं ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं. तकरीबन 60 हजार स्क्वायर मीटर में बनने वाला यह नया भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत है और इसे वर्तमान संसद भवन के नजदीक बनाया जाएगा. इस प्रोजेक्ट को भूकंप के लिहाज से जोन-4 में आने वाले क्षेत्र में सुरक्षित इमारत के तौर पर बनाया जाना था लेकिन बाद में महसूस किया गया कि बिल्डिंग को ज्यादा समय तक मजबूत बनाए रखने के लिए इसे जोन-5 के तहत आने वाले इलाके के हिसाब से जरूरी आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए. नई इमारत में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे.