New Traffic Rules: देश में आएदिन नाबालिग बच्चों द्वारा अपने पापा-मम्मी की कार-बाइक दौड़ाकर हादसे करने की घटनाएं हो रही हैं. इसके चलते नाबालिग ड्राइवर पकड़े जाने पर कार या टूव्हीलर मालिक को भी सजा मिलने की कवायद शुरू की गई है. लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिसके चलते नाबालिग बच्चे भी टूव्हीलर चला पाएंगे. दरअसल केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन का फैसला लिया है. इस संशोधन का जो ड्राफ्ट सामने आया है, उसमें नाबालिग बच्चों को भी ई-स्कूटी या ई-बाइक चलाने की छूट देने की सिफारिश की गई है. हालांकि ऐसी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलकर की अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है.
50 CC से ज्यादा क्षमता का नहीं होगा वाहन
सड़क परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने मौजूदा मोटर व्हीकल एक्ट में 67 संशोधन का ड्राफ्ट जारी किया है. इनमें ही नाबालिग बच्चों के लिए अधिकतम 25 किलोमीटर प्रति घंटा की गति वाला इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की छूट दी गई है. हालांकि ऐसे वाहन के इंजन की अधिकतम पॉवर 50CC और मोटर पावर 1,500 वाट से ज्यादा नहीं रखी जा सकेगी.
16 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को ही मिलेगी छूट
प्रस्तावित ड्राफ्ट में नाबालिग ड्राइवरों को दी जा रही इस छूट के लिए हालांकि न्यूनतम आयुसीमा तय की गई है. पंजाब केसरी की रिपोर्ट के मुताबिक, केवल ऐसे बच्चे ही पूरी तरह इलेक्ट्रिक टूव्हीलर को पब्लिक प्लेस पर चला पाएंगे, जिनकी उम्र 16 साल या उससे ज्यादा हो चुकी है. हालांकि उनके टूव्हीलर की इंजन पॉवर और अधिकतम गति सीमा कानून में लगाए प्रतिबंध के लिहाज से होनी चाहिए. 16 से 18 साल की उम्र के बच्चों को केवल यही व्हीकल चलाने की छूट मिलेगी. इससे अलग किसी वाहन को चलाते हुए पकड़े जाने पर मोटर व्हीकल एक्ट के मौजूदा प्रावधान के तहत ही कार्रवाई की जाएगी. नए ड्राफ्ट में यह भी तय किया गया है कि 18 साल से कम उम्र वाले किसी बच्चे को लर्निंग लाइसेंस भी जारी नहीं किया जाएगा. अभी तक ऑटोमैटिक गियर वाले वाहन के लिए लर्निंग लाइसेंस जारी किया जाता रहा है.
15 अक्टूबर तक सुझाव दे सकते हैं आप
मंत्रालय ने मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन का ड्राफ्ट अपने वेबसाइट पर अपलोड किया है. साथ ही लोगों से उस पर सुझाव भी मांगे हैं. आप भी 15 अक्टूबर तक सरकार द्वारा कानून में किए जा रहे बदलाव को लेकर अपनी राय दे सकते हैं. इसके बाद यह संशोधन बिल संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया जाएगा, जहां इसके पास होने की पूरी संभावना है.
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