डीएनए हिंदी: Lucknow News- भाजपा को 2024 लोकसभा चुनाव में हराने के लिए एकजुट विपक्ष को खड़ा करने की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कवायद तेज हो गई है. नीतीश कुमार सोमवार को अपने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को साथ लेकर दोपहर में कोलकाता में ममता बनर्जी से मिलने पहुंचे तो शाम को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ आकर अखिलेश यादव से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया है कि अभी उनका अभियान महज संयुक्त विपक्ष को खड़ा करना है. उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनना है. पीएम कौन बनेगा इसका फैसला सबके एकजुट होने के बाद किया जाएगा. इस दौरान अखिलेश यादव के साथ उनके चाचा शिवपाल यादव भी दिखाई दिए.
आइए 5 पॉइंट्स में जानते हैं कि सोमवार को नीतीश कुमार ने क्या किया.
1. अखिलेश से मुलाकात के बाद कही ये बात
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने नीतीश और तेजस्वी का स्वागत किया. तीनों नेताओं ने मुलाकात के बाद मीडिया से मुलाकात की. नीतीश ने अपने प्लानिंग को लेकर कहा, हम अधिक से अधिक पार्टियों के साथ बात कर रहे हैं. हमने तय किया है कि ज्यादा से ज्यादा पार्टियों को देश में हम एकजुट करें. हम सब मिलकर काम करें ताकि देश आगे बढ़े और भाजपा से देश को मुक्ति मिले. नीतीश ने ऐलान किया कि हम सब एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.
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2. कौन बनेगा विपक्ष के पीएम फेस?
नीतीश ने साफ कर दिया कि अभी तक विपक्ष के नेता यानी प्रधानमंत्री पद के चेहरे पर कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने स्पष्ट कहा, मुझे (प्रधानमंत्री) नहीं बनना है. मैं बस सभी को एकजुट कर रहा हूं. मुझे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए. उन्होंने कहा. एक बार जब सब एकजुट हो जाएंगे फिर इसके बाद नेता चुना जाएगा.
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3. 'देश में काम नहीं, बस प्रचार हो रहा है'
नीतीश ने कहा, भाजपा भारत का इतिहास बदलना चाहती है. उन्हें इतिहास के बारे में जानना चाहिए. वे कोई काम नहीं कर रहे हैं, बस प्रचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, आज हमने आपस में बैठकर इन चीजों पर ही बात की है. हम लोगों ने तय किया है कि ज्यादा से ज्यादा पार्टियां एकजुट हों. हम मिलकर काम करेंगे ताकि देश आगे बढ़े और भाजपा से मुक्ति मिले. चुनाव में मिलकर लड़ेंगे तो बहुत लाभ होगा और देशहित में होगा. अभी यह बात हो गई है कि पहले मिलकर काम करो.
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4. 'साथ मिलकर लड़े तो रिजल्ट शानदार होगा'
नीतीश ने कहा, यूपी और बिहार का पुराना रिश्ता है. समाजवादियों से हमारा पुराने रिलेशन हैं. यदि साथ मिलकर लड़े तो यूपी-बिहार में रिजल्ट शानदार होगा. आप जितना सोच रहे हैं. उससे ज्यादा यूपी-बिहार से हमारे हिस्से में आएगा. नीतीश ने फिलहाल मायावती से मुलाकात नहीं करने का सवाल टाल दिया. उन्होंने कहा, अभी तो हम इनसे (अखिलेश से) मिलने आए हैं.
5. 'भाजपा खत्म कर रही लोकतांत्रिक मूल्य'
अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा देश में लगातार लोकतांत्रिक मूल्य खत्म करने की कोशिश कर रही है. हम यहां देश को बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी से बचाने के लिए भारत के लोगों के साथ हैं. हम भाजपा की सरकार को हटाना चाहते हैं ताकि देश को बचाया जा सके.
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