Tata Technologies की मदद से युवाओं को रोजगार देने की योजना लाई नीतीश सरकार

कृष्णा बाजपेई | Updated:Dec 29, 2021, 08:53 PM IST

बिहार सरकार टाटा टेक्नोलॉजीज़ से करार करके युवाओं को कुशलता प्रदान करने की योजना लाई है, जिससे युवाओं को आसानी से रोजगार मिल सकें.

डीएनए हिंदी: बिहार के 2021 विधानसभा चुनाव में मुख्य विपक्षी दल आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था. ऐसे में उन्हें समर्थन भी मिला था. वही कोरोनावायरस के कारण एक बड़ी आबादी रोजगार खो चुकी है. ऐसे में बिहार सरकार राज्य में बेरोज़गारी कम करने और युवाओं को रोजगार के लिए  कदम उठाती दिख रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने राजमो के युवाओं के रोजगार के लिए Tata Technologies से कॉन्ट्रैक्ट किया है. 

बिहार कैबिनेट का बड़ा फैसला 

दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार कैबिनेट ने टाटा टेक्नोलॉजीज Tata Technologies के साथ 149 आईटीआई के आधुनिकीकरण के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. बिहार सरकार ने 4,606 करोड़ रुपये खर्च करने का ब्योरा भी प्रस्तुत किया है. सरकार इस करार को युवाओं के लिए रोजगार के लिहाज से महत्वपूर्ण मान रही है. इसकी वजह ये है कि इस करार के तहत ऐसे कोर्सेज ऑफर किए जाएंगे जो कि रोजगार के लिए सर्वाधिक मददगार साबित होंगे. 

बिहार सरकार ने 149 राज्य के अधीन औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों यानी आईटीआई (ITI) के आधुनिकीकरण और उत्कृष्टता केंद्रों के उन्नयन के लिए 4,606 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना को स्वीकृति प्रदान की है. इस परियोजना को लेकर कैबिनेट सचिवालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा, “परियोजना को टाटा टेक्नोलॉजीज के सहयोग से चलाया जाएगा. राज्य के आईटीआई कॉलेजों को टाटा टेक्नोलॉजी की मदद मिलेगी.” 

कुशलता से मिलेगा रोजगार 

बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा, “इसमें मुख्य रूप से वेल्डिंग व औद्योगिक रोबोटिक्स, इलेक्ट्रिक वाहन प्रशिक्षण, आईओटी और डिजिटल इंस्ट्रूमेंटेशन एवं डिजाइन, सभी प्रकार की मरम्मत और रख रखाव, जैसे ट्रेड का पाठ संचालित किया जाएगा.” उन्होंने बताया, “टाटा की टीम हर सेंटर पर अधिकारी की तैनाती करेंगे, जिससे युवाओं के कौशल का विकास होगा. सभी सरकारी आईटीआई में 10 हजार स्क्वॉयर फीट में यह सेंटर बनाया जाएगा.” वहीं इस प्रोजेक्ट पर खर्च की बात करें तो राज्य सरकार इसमें 12% राशि लगाएगी और टाटा इस योजना पर कुल 88% राशि खर्च करेगी. 

इस परियोजना को लेकर बिहार सरकार का कहना है कि जब इन संस्थाओं से युवा पढ़ के मार्केट में निकलेंगे तो वह कुशल होंगे और वह कुशलता ही उन्हें आगे रोजगार प्रदान करने में मददगार साबित होगी.

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