Nitish Kumar की पहली परीक्षा 10 फरवरी को, राहुल गांधी का तंज 'शॉल भूल गए नीतीश कार मोड़कर आए तो...'

कुलदीप पंवार | Updated:Jan 30, 2024, 10:48 PM IST

Rahul Gandhi in Bihar: जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने बिहार में राजद-कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का हाथ थाम लिया है. इसे ही लेकर पहली बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी का रिएक्शन सामने आया है.

डीएनए हिंदी: Bihar Political News- बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कु्मार की नई सरकार की पहली परीक्षा का वक्त तय हो गया है. नीतीश कुमार की सरकार 10 जनवरी को बिहार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करेगी, जिसमें उसे अपना बहुमत साबित करना होगा. हालांकि सरकार के पास पर्याप्त बहुमत होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन इस पर अभी विधानसभा के अंदर मुहर लगना बाकी है. इससे पहले नीतीश के पाला बदलने से शुरू हुई राजनीतिक सरगर्मी में पहली बार पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का रिएक्शन सामने आया है. राहुल मंगलवार को बिहार के पूर्णिया जिले में पहुंचे, जहां उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा की जनसभा का आयोजन किया गया था. जनसभा के मंच से राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ऊपर एक चुटकुले के जरिये तंज कसा. साथ ही कहा कि महागठबंधन को बिहार में सामाजिक न्याय दिलाने के लिए नीतीश कुमार की जरूरत नहीं है.

नीतीश की सरकार के पास 128 विधायकों के समर्थन

नीतीश कुमार ने भाजपा के समर्थन से बिहार में नई सरकार बनाई है. इस सरकार को अब विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है. हालांकि भाजपा नेतृत्व वाले NDA गठबंधन ने अपने साथ बहुमत के लिए जरूरी 122 विधायकों के मुकाबले 128 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है, लेकिन इस दावे की परख विधानसभा में ही हो पाएगी. मंगलवार शाम को घोषणा की गई कि नीतीश के नेतृत्व वाली नई सरकार 10 जनवरी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी. इसे नए गठबंधन की पहली परीक्षा भी माना जा रहा है.

राहुल ने कहा, 'नीतीश को देख राज्यपाल बोले, इतनी जल्दी'

उधर, पूर्णिया में रैली के दौरान राहुल गांधी ने नीतीश पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार अपना शॉल राजभवन में भूल गए. शपथ ग्रहण के तत्काल बाद वे अपनी कार मोड़कर शॉल लेने राजभवन पहुंचे. उन्हें देखकर हैरान राज्यपाल बोले 'क्या नीतीश जी, इतनी जल्दी (पाला बदलने आ गए)? राहुल की यह बात सुनकर जनसभा में मौजूद भीड़ ने जमकर ठहाके लगाए. राहुल गांधी का यह तंज नीतीश कुमार के कांग्रेस-राजद का साथ छोड़कर भाजपा के समर्थन से सरकार बनाने को लेकर आया है. नई सरकार को 10 फरवरी को फ्लोर टेस्ट का सामना करना है.

नीतीश की सरकार का फ्लोर टेस्ट 10 जनवरी को
नीतीश कुमार ने भाजपा के समर्थन से बिहार में नई सरकार बनाई है. इस सरकार को अब विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है. हालांकि भाजपा नेतृत्व वाले NDA गठबंधन ने अपने साथ बहुमत के लिए जरूरी 122 विधायकों के मुकाबले 128 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है, लेकिन इस दावे की परख विधानसभा में ही हो पाएगी. मंगलवार शाम को घोषणा की गई कि नीतीश के नेतृत्व वाली नई सरकार 10 जनवरी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी. इसे नए गठबंधन की पहली परीक्षा भी माना जा रहा है.

'थोड़ा सा दबाव पड़ता है और वो पलट जाते हैं'
इससे पहले राहुल गांधी ने जनसभा में नीतीश पर चुटकुला सुनाकर तंज मारने के बाद कहा कि हमें उनकी जरूरत नहीं है. राहुल ने कहा, नीतीश जी ऐसे ही हैं. थोड़ा सा दबाव पड़ता है और वे बिल में छिप जाते हैं और यू-टर्न मार लेते हैं. राहुल ने कहा, महागठबंधन (कांग्रेस, राजद व अन्य विपक्षी दल) बिहार में सामाजिक न्याय के लिए लड़ेगा. हमें इसके लिए नीतीश कुमार की जरूरत नहीं है. हमें उनकी जरूरत कहीं नहीं है.

नीतीश के I.N.D.I.A छोड़ने के पीछे राहुल का हाथ?
नीतीश कुमार ने पिछले सप्ताह के अंत में बिहार में राजद और कांग्रेस के साथ अपना महागठबंधन तोड़ दिया था. उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद रविवार की शाम को भाजपा के समर्थन से दोबारा सरकार बनाई थी. नीतीश ने रिकॉर्ड 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है, जबकि उनके साथ भाजपा ने अपने दो डिप्टी सीएम बनाए हैं. नीतीश के अचानक कांग्रेस नेतृत्व वाले I.N.D.I.A गठबंधन को छोड़ने का कारण राहुल गांधी को भी माना जा रहा है. JDU सूत्रों का कहना है कि I.N.D.I.A ब्लॉक की 13 जनवरी को मीटिंग के दौरान राहुल गांधी के एक कमेंट से नीतीश नाराज हो गए थे. 

दरअसल नीतीश ने I.N.D.I.A गठबंधन के कनवेनर पद पर अपना नाम घोषित करने की चर्चा की थी, लेकिन राहुल ने मीटिंग में यह कह दिया था कि वे इसके लिए ममता बनर्जी से सलाह-मशविरा लेंगे. सूत्रों के मुताबिक, इससे नीतीश नाराज हो गए थे और मीटिंग भी 10 मिनट पहले ही छोड़ दी थी. हालांकि इससे पहले ही गठबंधन के नेताओं ने उन्हें कनवेनर चुन लिया था, लेकिन तब तक नीतीश पाला बदलने का फैसला ले चुके थे और इसी कारण उन्होंने कनवेनर पद पर हुए चयन को खारिज कर दिया था. पिछले एक दशक में यह पांचवां मौका है, जब नीतीश कुमार ने पाला बदला है.

 

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