डीएनए हिंदी: बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के दिग्गज नेता नीतीश कुमार (Nitish Kumar) आज कल प्रत्येक मुद्दे पर बड़ी मुखरता से बयान दे रहे हैं. वहीं अब समलैंगिक विवाह को लेकर उन्होंने जो बयान दिया है वो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है क्योंकि नीतीश ने समलैंगिक विवाह को पूर्णतः अप्राकृतिक करार दिया है.
कहां से पैदा होंगे बच्चे
दरअसल, मगध के महिला कॉलेज के छात्रावास उद्घाटन कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने समलैंगिक विवाह की आलोचना की है. उन्होंने समलैंगिक संबधों को अप्राकृतिक बताते हुए कहा कि सेम सेक्स में लोग शादी तो कर लेते हैं लेकिन ऐसे कपल बच्चे कहां से पैदा करेंगे? उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि शादी के लिए स्त्री और पुरुष का होना अनिवार्य है.
सीएम Nitish Kumar ने कहा कि महिला का कोई विकल्प नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर स्त्री नहीं होगी तो बाल-बच्चे कहां से होंगे? मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल तो लड़का लड़का से भी शादी कर रहा है. सीएम नीतीश ने अपने बयान से साफ कर दिया कि भले ही समलैंगिक विवाह हो रहे हैं लेकिन वह अप्राकृतिक हैं. इसलिए वो इसके विरोधी है.
महिला-पुरुष का होना अनिवार्य
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि घर बसाने के लिए महिला और पुरुष का एक साथ होना जरूरी है, तभी घर में बाल बच्चे होंगे. वहीं छात्रवास के उद्घाटन के साथ ही उन्होंने राज्य के विकास को लेकर भी बड़ी बात कही है.उन्होंने कहा कि जब तक वह रहेंगे तब तक बिहार के विकास के लिए काम करते रहेंगे. उनकी बस यही आखिरी इच्छा है.
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गौरतलब है कि समलैंगिकता को देश में मान्यता दे दी गई है. इसके बावजूद देश में अभी सामाजिक तौर पर इसे हेय दृष्टि से देखा जा सकता है. ऐसे में Nitish Kumar का यह बयान बेहद अहम हो सकता है क्योंकि वह देश के सबसे पिछड़े राज्य से आते हैं और यहां के सामाजिक ताने-बाने में समलैंगिकता को नफरत की दृष्टि से देखा जाता है.
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