डीएनए हिंदी: Parliament Latest News- कांग्रेस के सांसद गौरव गोगोई की तरफ से केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा चल रही है. कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखे आरोप लगाए हैं. साथ ही उनसे 3 सवाल पूछे हैं. जवाब में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पहले विपक्षी गठबंधन पर तंज कसा. उन्होंने कहा, आपस में सबकी लड़ाई है, लेकिन नाम I.N.D.I.A रख लिया है. इसके बाद उन्होंने कमुलायम से लेकर लालू और शेख अब्दुल्ला तक के खिलाफ कांग्रेस के 'पाप' उनकी पार्टियों को याद दिलाए. साथ ही राहुल गांधी पर मजाकिया तंज कसने के साथ ही सोनिया गांधी से लेकर बिना नाम लिए उनके दामाद रॉबर्ड वाड्रा तक पर निशाना साधा. इसे लेकर संसद में बहुत देर तक हंगामे जैसे हालात बने रहे.
कांग्रेस के साथी दलों को याद दिलाई उनके खिलाफ कार्रवाई
निशिकांत दुबे ने कांग्रेस के साथ INDIA गठबंधन में मौजूद दलों को उनके खिलाफ हुई कार्रवाई याद दिलाई. उन्होंने कहा, ममता बनर्जी भाजपा से नफरत करती हैं, लेकिन कांग्रेस के साथ खड़ी हैं. अरे आपके खिलाफ नारदा, शारदा घोटालों की फाइल हमने खोली थी क्या? कांग्रेस ने ही इन केस की जांच शुरू कराई थी. लालू प्रसाद यादव भाजपा को उखाड़ना चाहते हैं, लेकिन उनके खिलाफ जो मामले चल रहे हैं, वे किसने शुरू किए थे. वो भी कांग्रेस ही थी. मुलायम सिंह यादव से भाजपा के तमाम मतभेद थे, लेकिन उन्हें मरणोपरांत पद्म सम्मान भाजपा ने ही दिया है. मुलायम सिंह यादव की सरकार बर्खास्त करने वाला कौन था, ये भी कांग्रेस ही थी. फिर भाजपा के खिलाफ क्यों है.
दुबे ने कहा, फारुख अब्दुल्ला कांग्रेस के साथ खड़े हैं, लेकिन क्या वे बताएंगे कि उनके पिता शेख अब्दुल्ला को 1953 में किसने जेल में डाला था? वो कांग्रेस ही थी. शेख अब्दुल्ला 22 साल जेल में रहे, इसके बाद इंदिरा गांधी उन्हें बाहर लाईं और इंदिरा-शेख समझौता हुआ. इसके बाद फारुख अब्दुल्ला की सरकार गिराई गई तो ये काम भी कांग्रेस ने ही किया था, लेकिन उन्हें भाजपा से बैर है.
सोनिया जी की दो ही कोशिश, 'बेटे को सेट करना, दामाद को भेंट करना'
निशिकांत दुबे ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, सोनिया जी का मैं बेहद सम्मान करता हूं, लेकिन वे दोहरी मनस्थिति से गुजर रही हैं. वे भारतीय संस्कृति में विश्वास करने की कोशिश कर रही है, जिसमें बेटे और दामाद का ध्यान रखा जाता है. इसलिए वे दो काम कर रही हैं. अपने बेटे को सेट करना और अपने दामाद को भेंट करना. दुबे के इस दावे के बाद कांग्रेस सांसदों ने शोर मचाया तो उन्होंने कहा, यदि मेरा दावा गलत निकले तो आप मेरी सदस्यता खारिज कर देना.
दुबे ने यूके वाले भंडारी (कहा कि पूरा नाम नहीं ले रहा) को लेकर बिना नाम लिए सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ड वाड्रा पर निशाना साधा. बता दें कि भंडारी का नाम हथियार तस्कर के तौर पर लिया जाता है, जिसके ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की कोशिश भारतीय एजेंसियां कर रही हैं. दुबे ने कहा, भंडारी को लेकर कोर्ट के ऑर्डर में एक शख्स हैं सीसी थम्पी, जिन्होंने स्वीकार किया है कि दामाद जी ने कहा कि लंदन में 12 रेनसम स्क्वॉयर पहुंच जाना, वो हमारा है. यही भंडारी ने भी स्वीकार किया. किसी भी दिन यूके से भंडारी भारत आ जाएगा. तब कांग्रेस क्या करेगी?
'राहुल गांधी बड़े आदमी हैं, माफी नहीं मांगेंगे'
निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के उस बयान के लिए निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं सावरकर नहीं हूं कि माफी मांग लूं. दरअसल मोदी सरनेम केस में राहुल को मिली सजा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान उन्हें माफी मांगने के लिए कहा गया था, तब राहुल ने यह तंज कसा था. इस पर दुबे ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय नहीं दिया है, केवल स्टे ऑर्डर दिया है. उनका (राहुल का) कहना है कि मैं माफी नहीं मांगूंगा. मैं सावरकर नहीं हूं. इसके बाद दुबे ने कहा, मैं कहता हूं कि आप सावरकर हो भी नहीं सकते.
'राहुल आज सोकर देर से उठे होंगे शायद'
निशिकांत दुबे ने अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष की तरफ से चर्चा की शुरुआत राहुल गांधी द्वारा नहीं करने को लेकर भी तंज कसा. उन्होंने कहा, मीडिया में खबरें चल रही थीं कि राहुल गांधी विपक्ष की तरफ से शुरुआत करेंगे. मैं इंतजार कर रहा था उनके बोलने का, लेकिन वो नहीं बोले. शायद आज राहुल देर से सोकर उठे होंगे, इसलिए नहीं बोल रहे हैं.
'मोदी नहीं गरीब के बेटे के खिलाफ है ये प्रस्ताव'
दुबे ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिना किसी भेदभाव के काम करते हैं. उनके खिलाफ जो यह अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, वो गरीब के बेटे के खिलाफ प्रस्ताव है. वो उस आदमी के खिलाफ प्रस्ताव है, जिसने लोगों को घर दिए, लोगों को शौचालय दिए. लोगों के घरों में बिजली लाने की कोशिश की. ऐसे आदमी के खिलाफ यह प्रस्ताव गरीब के खिलाफ प्रस्ताव है. दुबे ने आगे कहा, अब ये लोग प्रधानमंत्री के चरित्र का ऐसे चीरहरण करेंगे जैसे द्रोपदी का चीरहरण हुआ था. मैं याद दिला दूं कि जब द्रोपदी का चीरहरण हो रहा था तो भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य, धृतराष्ट्र, कृपाचार्य, सभी खामोश थे. उनमें से कोई नहीं बचा. यदि पीएम का चीरहरण हुआ तो 2024 में ऐसे ही पूरा विपक्ष भी खत्म हो जाएगा. दुबे ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा, आप 2024 में नहीं आने जा रहे हैं. हम इस बार 400 सीट के साथ सरकार बनाएंगे.
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