डीएनए हिंदी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने शनिवार को कहा कि हर कोई यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) चाहता है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता हिमंत ने कहा कि कोई मुस्लिम महिला नहीं चाहती कि उसका पति तीन-तीन बीवियां रखे, आप किसी भी मुस्लिम महिला से पूछ लो.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में हिमंत बिस्वा सरमा ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की वकालत की. उन्होंने कहा, 'तीन तलाक खत्म किए जाने के बाद, अगर मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाना है, तो यूनिफॉर्म सिविल कोड लाना ही होगा. यह सिर्फ मेरा मुद्दा नहीं है, बल्कि यह हर मुस्लिम महिला का मुद्दा है.' उन्होंने कहा कि असम में और देश में मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड लाना ज़रूरी है.
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असम में मूल निवासी मुस्लिम और बाहर से आए मुस्लिमों का अंतर बताते हुए हिमंत सरमा ने कहा कि मूल निवासी नहीं चाहते कि वे बाहरियों से मिल जाएं. उन्होंने आगे कहा, 'असम में मुस्लिम समुदाय का धर्म तो एक है, लेकिन संस्कृति और ओरिजन दो अलग-अलग हिस्सों में बंटा हुआ है. एक तो असम के मूल निवासी हैं जिनका पिछले 200 सालों में पलायन का कोई इतिहास नहीं रहा है. वे नहीं चाहते कि वे बाहर से आए मुस्लिमों में मिल जाएं और उनकी पहचान अलग बन जाए.' उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार मूल निवासी और बाहर से आए मुस्लिमों की पहचान पर फैसला लेगी.
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आपको बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड एक ऐसा प्रस्ताव है जिससे सभी नागिरकों पर एक समान पर्सनल लॉ लागू किया जा सके, चाहे उनका धर्म, लिंग, और लैंगिक रुझाव कुछ भी हो. वर्तमान में पर्सन लगा अलग-अलग धर्मों के लोगों के लिए उनके धर्मों के हिसाब से लागू होते हैं.
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