Noida News: करीब 12 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहे 6,000 फ्लैट खरीदारों के लिए उम्मीद की एक बड़ी किरण जागी है. नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने आखिरकार यूनिटेक बिल्डर (Unitech) के 10 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के नक्शे मंजूर कर दिए हैं, जिससे इन प्रोजेक्ट्स में निर्माण कार्य दोबारा शुरू होने की राह खुल गई है. इन प्रोजेक्ट्स में अधिकतर फ्लैट खरीदारों ने 10 से 12 साल पहले बुकिंग कराई थी, लेकिन अथॉरिटी और बिल्डर के बीच के झगड़े में उनकी 'ड्रीम होम' पाने की इच्छा महज सपना बनकर ही रह गई थी. अथॉरिटी ने बिल्डर के ऊपर करोड़ों रुपये बकाया होने के चलते उसके प्रोजेक्ट्स के नक्शे पास करने से इंकार कर दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नक्शे पास किए गए हैं.
2006-07 में आवंटित हुई थी बिल्डर को 156 हेक्टेयर जमीन
नोएडा अथॉरिटी ने यूनिटेक बिल्डर को साल 2006-07 में करीब 156 हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी. ये जमीन अलग-अलग प्रोजेक्ट्स के लिए सेक्टर-96, 97, 98, 113 और 117 में आवंटित की गई थी. बिल्डर ने अथॉरिटी को जमीन की कीमत देनी बंद कर दी थी, जिससे उसके ऊपर बकाया बढ़ता चला गया. इसी कारण अथॉरिटी ने इन प्रोजेक्ट्स के नक्शे पास नहीं किए थे.
करीब 9,000 करोड़ रुपये का है बिल्डर पर बकाया
नोएडा अथॉरिटी के सूत्रों के मुताबिक, यूनिटेक बिल्डर ग्रुप पर करीब 9,000 करोड़ रुपये बकाया है, जो मूल धन के ऊपर मोटा ब्याज लगने के कारण बढ़ गई है. बिल्डर को आवंटित की गई 90 हेक्टेयर जमीन शहर के बीच में अलग-अलग जगह खाली पड़ी है, जिसकी कीमत साल 2006-07 के मुकाबले कई गुना ज्यादा हो चुकी है. अथॉरिटी यह जमीन वापस लेना चाहती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आवंटन निरस्त करने के मसले पर बाद में विचार करने की बात कहकर फिलहाल अथॉरिटी को नक्शे पास कर फ्लैट बायर्स को राहत देने का निर्देश दिया था.
यूनिटेक के मालिकों के जेल में जाने से बिगड़े थे हालात
यूनिटेक के प्रोजेक्ट्स के हालात उस समय बिगड़े, जब कुछ मामले में कंपनी के चेयरमैन समेत मालिकों को जेल भेज दिया गया. इसके चलते सरकार ने यूनिटेक के प्रोजेक्ट्स पूरे कराने के लिए बोर्ड का गठन किया, लेकिन बिल्डर-अथॉरिटी के झगड़े में नक्शा पास नहीं होने से बोर्ड भी कुछ काम नहीं कर पा रहा था. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नक्शे पास होने से करीब 6,000 फ्लैट का निर्माण होने की राह खुल गई है.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.