डीएनए हिंदी: Noida Property Updates- उत्तर प्रदेश के दिल्ली से सटे आधुनिक शहर नोएडा में रहने वाले लोगों के लिए बढ़िया खबर है. जल्द ही नोएडा में फ्लैट्स की रजिस्ट्री फिर से शुरू होने जा रही है, जो सालों से बिल्डर और नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी के बीच ओवरड्यूज के झगड़े के कारण बंद चल रही थीं. गौतमबुद्धनगर जिले के नोएडा में अथॉरिटी ने एक सर्वे शुरू किया है. इस सर्वे में उन फ्लैट्स को चिह्नित किया जाएगा, जिनके खरीदार को बिल्डर ने कब्जा तो दे दिया है, लेकिन अभी तक इनकी रजिस्ट्री नहीं कराई गई है. इस सर्वे के पूरा होने के बाद इन फ्लैट खरीदारों को रजिस्ट्री कराने का मौका दिया जाएगा.
बिल्डर्स के साथ मीटिंग के बाद उठाया गया है कदम
Times of India की रिपोर्ट के मुताबिक, अथॉरिटी का यह कदम उस मीटिंग के बाद सामने आया है, जो इस महीने की शुरुआत में करीब 50 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के डेवलपर्स के साथ की गई थी. इस मीटिंग में बिल्डर्स को उनके ऊपर बकाया ओवरड्यूज को दोबारा निर्धारित करने की जानकारी दी गई थी. ओवरड्यूज के इस रिवीजन में कोविड-19 महामारी के समय को 'जीरो पीरियड' मानते हुए उस दौरान लगा जुर्माना घटा दिया गया है. हर बिल्डर को उसके ऊपर बकाया रकम में कम से कम 21% की छूट का आश्वासन दिया गया है.
6,000 फ्लैट्स को मिलेगा फिलहाल इसका लाभ
रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि मीटिंग में शामिल बिल्डर्स के करीब 40 प्रोजेक्ट हैं, जिनमें 6,000 फ्लैट हैं. अधिकारियों ने कहा कि हम नोएडा अथॉरिटी को सहमति पत्र देने की प्रक्रिया में हैं. एक बार नोएडा अथॉरिटी से यह प्रस्ताव मंजूर हो जाएंगे तो फिर ये बिल्डर राज्य सरकार के रिहेबिलेशन पैकेज मॉडल के लिए साइन अप करेंगे. यह मॉडल फंसे हुए प्रोजेक्ट्स को दोबारा चालू करने के लिए अमिताभ कांत पैनल की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है.
25% बकाया दो महीने में चुकाना होगा बिल्डर को
अधिकारियों के मुताबिक, राज्य सरकार के इस पैकेज का लाभ केवल उन बिल्डर को दिया जाएगा, जो अगले दो महीने के अंदर अथॉरिटी की तरफ से रिवाइज्ड ओवरड्यूज का कम से कम 25% चुका देगा. इन 40 प्रोजेक्ट्स में से 25 प्रोजेक्ट के बिल्डर्स पर नोएडा अथॉरिटी की करीब 100 करोड़ रुपये की रकम बकाया है, जबकि दो बिल्डर पर इससे भी कहीं ज्यादा बड़ी रकम बकाया चल रही है.
कुल 8,000 करोड़ रुपये का बकाया है अथॉरिटी का
नोएडा में करीब 57 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स हैं, जिनमें 32,000 फ्लैट हैं. अथॉरिटी के रिकॉर्ड के अनुसार, इन प्रोजेक्ट्स के बिल्डरों पर कुल 8,000 करोड़ रुपये की रकम बकाया है, जो अथॉरिटी को मिलनी है. नोएडा अथॉरिटी के CEO लोकेश एम. के मुताबिक, जिन बिल्डर्स को रिहेबिलेशन पैकेज के बारे में बताया गया है, उनमें से करीब 80% बिल्डर इससे जुड़ने के लिए तैयार हैं. यदि उनके सहमति पत्र मंजूर हो जाते हैं तो इन बिल्डर्स को अलग-अलग बैच में बुलाया जाएगा और उनसे सरकार की डील साइन करने लिए कहा जाएगा. इससे ना केवल फंसे हुए प्रोजेक्ट्स में फ्लैट्स की रजिस्ट्री शुरू होने की राह साफ होगी, बल्कि पहले ही तय समय से पीछे चल रहे इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए एक पुश भी मिलेगा. यह प्रक्रिया अगले कुछ दिन में शुरू हो जाएगी.
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