डीएनए हिंदी: Noida News- डॉक्टर और मरीज के बीच का रिश्ता आपसी विश्वास वाला माना जाता है. इसी विश्वास के कारण महिला मरीज डॉक्टर को अपने शरीर के उन हिस्सों की भी जांच कराने के लिए तैयार हो जाती हैं, जिनका पराये मर्द द्वारा देखाना बेहद गलत माना जाता है. लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के नोएडा (Noida) में एक डॉक्टर ने इस विश्वास को तार-तार कर दिया है. एक बच्ची की फैमिली की शिकायत पर पुलिस ने इस डॉक्टर को हिरासत में लिया और उसके डेस्कटॉप और लैपटॉप की जांच की तो चौंकाने वाला मामला सामने आया है. डॉक्टर के डेस्कटॉप और लैपटॉप में महिलाओं और बच्चियों के आपत्तिजनक व अश्लील फोटोज-वीडियोज मिले हैं, जो इलाज के दौरान बिना महिला मरीज को बताए क्लिक किए गए थे. डॉक्टर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और आगे जांच शुरू कर दी है.
नोएडा सेक्टर-30 में पकड़ा गया है डॉक्टर
नोएडा के सेक्टर-30 में एक मनोचिकित्सक का क्लीनिक है. यह डॉक्टर लोगों की मानसिक समस्याओं का इलाज करता है. उसके मरीजों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चियां भी शामिल हैं. आरोप है कि यह डॉक्टर इलाज के बहाने महिलाओं और बच्चियों को आपत्तिजनक स्थिति में लाने के बाद उनकी तस्वीरें क्लिक कर लेता था.
बच्ची ने की शिकायत तो खुली पोल
नोएडा पुलिस (Noid Police) के मुताबिक, आरोपी डॉक्टर ने कुछ दिन पहले एक बच्ची का इलाज करते समय भी बिना बताए उसकी कुछ अश्लील फोटोज क्लिक की. बच्ची ने अपनी फैमिली को यह बात बताई. इस पर बच्ची की फैमिली को शक हुआ और उन्होंने पुलिस अधिकारियों से मौखिक शिकायत की. शिकायत मिलने पर थाना सेक्टर-20 पुलिस ने जांच शुरू की.
ऑनलाइन अपलोड नहीं किए थे फोटो-वीडियो
IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने मंगलवार रात जांच के दौरान डॉक्टर के क्लीनिक में रखे डेस्कटॉप कंप्यूटर और लैपटॉप को भी खंगाला. पुलिस के मुताबिक, लैपटॉप और कंप्यूटर की जांच से डॉक्टर असहज दिखाई दिया. इस पर दोनों उपकरणों की गहन जांच की गई तो उसमें कई महिलाओं और बच्चियों के आपत्तिजनक फोटो-वीडियो मिले. इनके बारे में डॉक्टर से पूछताछ की गई तो पता चला कि ये अश्लील फोटो-वीडियो अभी तक ऑनलाइन अपलोड नहीं किए गए थे. हालांकि उसने इन्हें क्लिक करने का कारण नहीं बताया. पुलिस ने बुधवार को डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया और अब उससे पूछताछ की जा रही है.
डिलीट डेटा भी कराया जा रहा है रिकवर
नोएडा के डीसीपी हरिश्चंद्र के मुताबिक, आरोपी मनोचिकित्सक के खिलाफ आईपीसी की कई संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. थाना सेक्टर-20 की टीम ने गिरफ्तार डॉक्टर के डेस्कटॉप, लैपटॉप और मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए भिजवाया है ताकि डिलीट किया गया डेटा रिकवर किया जा सके. इससे और भी सबूत मिलने की संभावना है.
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