Noida से जुड़ेगा Rafale और Mirage का नाम, जानें Indian Air Force के फाइटर जेट्स बनाने वाली कंपनी का प्लान

कुलदीप पंवार | Updated:Sep 24, 2024, 09:04 PM IST

Noida News: दिल्ली से सटे नोएडा में राफेल विमान बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन अपनी एक फैक्ट्री लगाने की तैयारी में है, जिसमें भारतीय वायुसेना के पास मौजूद राफेल फाइटर जेट्स और बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) में शामिल मिराज 2000 फाइटर जेट्स का मेंटिनेंस किया जाएगा.

Noida News: यदि सबकुछ ठीकठाक रहा तो जल्द ही दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश का जिला गौतमबुद्धनगर रोजाना भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के राफेल और मिराज 2000 फाइटर जेट्स के इंजन की आवाज से गूंजता दिखाई देगा. दरअसल राफेल (Rafale Fighter Jets) और मिराज 2000 (Mirage 2000) की निर्माता फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) ने नोएडा (Noida) में अपनी एक नई फैक्ट्री लगाने की प्लानिंग की है, जिसमें वायुसेना के राफेल और मिराज 2000 फाइटर जेट्स की मेंटिनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहॉलिंग की जाएगी. बता दें कि राफेल के अलावा बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) में बम गिराने वाले मिराज 2000 फाइटर जेट्स का निर्माण भी दसॉल्ट ने ही किया है. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने छह महीने के अंदर नोएडा में अपनी फैक्ट्री चालू करने की तैयारी की है, जिसका नाम दसॉल्ट एविएशन मेंटेनेंस रिपेयर और ओवरहाल इंडिया रखा गया है. इस कंपनी का सीईओ भी चुन लिया गया है. इस पद की जिम्मेदारी दसॉल्ट ने अपने अनुभवी अधिकारी पी. वेंकट राव को सौंपी है. 

भारतीय वायुसेना के पास बड़ी संख्या में हैं मिराज और राफेल

भारतीय वायुसेना के पास राफेल और मिराज फाइटर जेट्स की बड़ी संख्या है. भारत ने 1980 के दशक में 50 मिराज-2000 फाइटर जेट खरीदे थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले दो कार्यकाल के दौरान 36 राफेल फाइटर जेट दसॉल्ट एविएशन से खरीदे हैं. इन विमानों की समय-समय पर ओवरहॉलिंग और उचित मेंटिनेंस की जरूरत पड़ती है. अभी तक वायुसेना को इस मेंटिनेंस के लिए फ्रांस से इंजीनियर बुलाने पड़ते हैं या फिर अपने विमान वहां भेजने पड़ते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा. दसॉल्ट एविएशन ने हाल ही में रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायुसेना को बताया है कि वह भारत मे ही इन विमानों के लिए मेंटिनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल सपोर्ट उपलब्ध कराएगी. इसके लिए वह एक नई भारतीय कंपनी दसॉल्ट एविएशन मेंटिनेंस रिपेयर एंड ओवरहॉल इंडिया (Dassault Aviation Maintenance Repair and Overhaul India) यानी DAMROI बना रही है.

आत्मनिर्भर भारत अभियान में देगी सहयोग

ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, दसॉल्ट ने रक्षा मंत्रालय को यह भी कहा है कि उसका नई MRO कंपनी बनाने का मकसद भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान में भी योगदान देना है. इसके लिए यूपी के नोएडा के इंस्ट्रियल सेक्टर में वह अपनी फैसेलिटी बनाएगी. कंपनी ने रक्षा मंत्रालय को इस नई कंपनी के सीईओ के तौर पर पोसिना वेंकट राव की नियुक्ति की भी जानकारी दी है. बता दें कि राव दसॉल्ट एविएशन से कई दशक से जुड़े हुए हैं और भारत में उसके कैंपेन्स को हैंडल कर चुके हैं. नई कंपनी में उनके अंडर में भारत और फ्रांसीसी नागरिकों की टीम काम करेगी.

भारत के जगुआर विमानों को रिप्लेस करने पर है नजर

दसॉल्ट एविएशन के इस कदम का कारण उसकी निगाहें भारतीय वायुसेना में अपने विमानों के लिए और ज्यादा गुंजाइश तलाशना है. दरअसल भारतीय वायुसेना को जल्द ही जगुआर फाइटर जेट्स और मिग-21 को रिप्लेस करना है. दसॉल्ट इनकी जगह राफेल विमानों की संख्या भारतीय वायुसेना में बढ़ाने के लिए जगह तलाश रही है. जगुआर फाइटर जेट्स भी फ्रांस के ही बने हुए हैं. दसॉल्ट की मेंटिनेंस फैसेलिटी से इनके रखरखाव में भी मदद मिलेगी. दसॉल्ट फिलहाल भारतीय नौसेना (Indian Navy) को अपने राफेल मरीन जेट्स बेचने के लिए मोलभाव कर रही है. भारतीय नौसेना को INS Vikrant एयरक्राफ्ट करियर के लिए 26 ऐसे जेट्स खरीदने हैं. यह सौदा करीब 50,000 करोड़ रुपये का है, जिसे भारत और फ्रांस के बीच फाइनल दौर में माना जा रहा है.

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