डीएनए हिंदी: नोएडा प्रशासन ने प्राइवेट स्कूलों पर बड़ा एक्शन लिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद फीस वापस नहीं करने पर 50 से ज्यादा स्कूलों पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है. डीएम मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि स्कूलों के पास 30 दिन का समय है, अगर अभिभावकों को फीस वापस नहीं की गई, तो यही जुर्माना 5-5 लाख रुपए का कर दिया जाएगा. इसकी वसूली भी स्कूलों से होगी.
2 दिन पहले उत्तराखंड पब्लिक स्कूल पर फीस को लेकर प्रिंसिपल और अभिभावकों के बीच गहमा-गहमी हो चुकी है. बकाया के चलते स्कूल सील की कार्रवाई भी हुई है. ये पूरा मामला कोरोना कॉल में सत्र 2021-22 में ली गई फीस से जुड़ा हुआ है.
इसे भी पढ़ें- पंजाब में शुरू भिंडरावाले चैप्टर 2, खालिस्तान को मिला ISI बैकअप, देश के लिए कैसे संकट बना अमृतपाल, पढ़ें इनसाइड स्टोरी
क्यों स्कूलों पर गिरी है गाज?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी स्कूल कोरोना काल सत्र 2021-22 में ली गई फीस का 15 प्रतिशत अभिभावकों को वापस करेंगे. आदेश के बाद भी स्कूल प्रबंधन द्वारा पालन नहीं किया जा रहा था.
कुछ स्कूलों ने जवाब में कहा है कि कोरोना काल में उन्होंने अभिभावकों को अपनी तरफ से 20 से 30 प्रतिशत की छूट दी थी, ऐसे में उस छूट को न्यायालय के आदेश में शामिल किया जाए. इस संबंध में जिलाधिकारी ने शासन को पत्र लिखकर जानकारी मांगी.
अब गिरी स्कूलों पर गाज
अब यह मामला डीएम के एक आदेश के बाद गरमा गया है. इसमें आदेश के बाद भी जिन स्कूलों ने अभिभावकों को 15 प्रतिशत पैसा वापस नहीं किया था उसमें से लगभग 50 से अधिक स्कूलों पर एक-एक लाख का जुर्माना लगाया गया है.
इसे भी पढ़ें- अमित शाह को धमकी, अजनाला थाने पर हमला, पढ़ें अमृतपाल सिंह की पूरी कुंडली
जिलाधिकारी ने आदेश में कहा कि स्कूलों को हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए. फादर एंगल, रयान पब्लिक स्कूल, जी डी गोनेका, लोटस स्कूल, शिव नादर स्कूल, रामाज्ञा जैसे स्कूलों पर जुर्माना लगा है. (इनपुट: IANS)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.