Congress ही नहीं, G-23 भी बिखराव की ओर!

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 25, 2022, 07:39 PM IST

कपिल सिब्बल ने छोड़ी कांग्रेस

Congress नेतृत्व ने हाल के कुछ महीनों के दौरान सिर्फ गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ही नहीं, बल्कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को काफी अहमियत दी है.

डीएनए हिंदी: चुनावी हार और दरकते जनाधार के चलते जहां एक तरफ कांग्रेस लगातार बिखरती नजर आ रही तो करीब दो साल पहले पार्टी में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग करने वाला ‘G23’ भी बिखरता दिख रहा है. कांग्रेस में इस समूह के उभरने के दो साल के भीतर इसके तीन सदस्य पार्टी को अलिवदा कह चुके हैं. इसमें नया नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का है. सिब्बल से पहले जितिन प्रसाद और योगानंद शास्त्री ने कांग्रेस छोड़ अलग राह पकड़ ली थी.

इस समूह के प्रमुख सदस्य रहे और कई मौकों पर पार्टी नेतृत्व खासकर गांधी परिवार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सिब्बल ने बुधवार को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया. कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने यह भी बताया कि उन्होंने गत 16 मई को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. सिर्फ इन नेताओं के कांग्रेस छोड़ने से नहीं, बल्कि कांग्रेस नेतृत्व के कुछ हालिया कदमों से भी यह समूह पहले की अपेक्षा कमजोर दिखाई दे रहा है.

पढ़ें- Kapil Sibal से पहले इन दिग्गजों ने झाड़ा कांग्रेस से पल्ला, केसी वेणुगोपाल बोले- लोग आते-जाते रहते हैं

उदयपुर चिंतन शिविर के बाद G23 के कुछ प्रमुख नेताओं को पार्टी नेतृत्व ने प्रमख समूहों में स्थान दिया. इसे इस समूह की स्थिति को कमजोर करने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है. गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा को राजनीतिक मामलों के समूह में जगह दी गई है तो मुकुल वासनिक को ‘कार्यबल 2024’ में शामिल किया गया.

G23 के एक अन्य सदस्य शशि थरूर को भी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के लिए समन्वय के मकसद से गठित केंद्रीय योजना समूह में स्थान दिया गया है. आजाद और शर्मा के नामों की चर्चा राज्यसभा के संभावित उम्मीदवारों के तौर पर भी है. अगर ये दोनों नेता राज्यसभा भेजे जाते हैं तो कांग्रेस के भीतर ‘जी 23’ समूह का अध्याय खत्म होने की तरफ बढ़ सकता है.

कांग्रेस नेतृत्व ने हाल के कुछ महीनों के दौरान सिर्फ आजाद और शर्मा ही नहीं, बल्कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा को काफी अहमियत दी है. G23 के सदस्य हुड्डा को उदयपुर चिंतन शिविर के लिए गठित कृषि संबंधी समन्वय समिति का प्रमुख बनाया गया था. यही नहीं, उनकी पसंद के नेता उदय भान को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया. इस समूह के एक अन्य सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली खुद को सार्वजनिक रूप से इस समूह से अलग कर चुके हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

congress Politics