डीएनए हिंदी: Haryana Violence Latest News- हरियाणा के नूंह में 6 घंटे तक चले हिंसा के तांडव के दौरान एक महिला जज भी दंगाइयों के बीच फंसी हुई थीं. विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा पर दूसरे समुदाय के हमले के बाद भड़की हिंसा में दंगाइयों ने महिला जज की कार में भी आग लगा दी. एडिशनल चीफ ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट (ACJM) अंजलि जैन के साथ कार में उस समय उनकी 3 साल की बेटी भी मौजूद थी, जिसे लेकर उन्हें जान बचाने के लिए भागना पड़ा. दंगाइयों से बचने के लिए उन्होंने अपने साथ कार में मौजूद कर्मचारियों को लेकर नूंह के पुराने बस स्टैंड की वर्कशॉप में छिपकर जान बचाई. अब इस मामले में उनके स्टाफ के एक कर्मचारी ने अज्ञात भीड़ के खिलाफ FIR दर्ज कराई है.
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दवा लेने के लिए मेडिकल कॉलेज गई थीं
नूंह सिटी पुलिस स्टेशन में ACJM कोर्ट के प्रोसेसर सर्वर स्टाफ टेकचंद ने FIR दर्ज कराई है. इसके मुताबिक, ACJM अपनी 3 साल की बेटी और गनर सियाराम के साथ सोमवार को फॉक्सवैगन कार से नल्हड़ स्थित SKM मेडिकल कॉलेज गई थीं. साथ में वह भी थे. ACJM को दवा लेनी थी. दोपहर करीब 2 बजे वे दवा लेकर मेडिकल कॉलेज से लौट रही थीं. इसी दौरान दिल्ली-अलवर रोड पर पुराने बस स्टैंड के करीब उनकी कार को करीब 100 दंगाइयों की भीड़ ने घेर लिया.
पथराव हुआ, गोलियां चलीं तो कार छोड़कर भागना पड़ा
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, एफआईआर में बताया गया कि दंगाइयों की भीड़ ने वाहनों पर पथराव करना शुरू कर दिया. कई पत्थर ACJM की कार के पिछले शीशे पर लगे और वह चकनाचूर हो गया. इसी दौरान वहां गोलियां चलने लगीं. दंगाइयों को गोलियां चलाते हुए और दूसरी गाड़ियों में आग लगाते देखकर ACJM और उनका स्टाफ बेटी को साथ लेकर वहां से भाग निकला. जान बचाने के लिए पुराने बस स्टैंड की वर्कशॉप में जाकर छिप गए.
वकीलों ने किया आकर रेस्क्यू
फोन पर इस घटना की जानकारी कुछ वकीलों को दीं. इसके बाद उन्होंने आकर ACJM और अन्य लोगों को वहां से रेस्क्यू किया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. एफआईआर में बताया गया कि हिंसा के अगले दिन कार तलाश करने गए तो पता चला कि दंगाइयों ने उसे जला दिया है.
जज की हत्या के प्रयास और दंगे का केस दर्ज
पुलिस ने इस मामले में महिला जज की हत्या के प्रयास और दंगे की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. मुकदमे में IPC की धारा 148 (दंगा), 149 (गैरकानूनी सभा), 435 (नुकसान पहुंचाने के इरादे से आग लगाना), 307 (हत्या का प्रयास) और शस्त्र अधिनियम की कई धाराएं लगाई गई हैं.
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