Delhi Zoo में गुर्दे की बीमारी से जान गंवा रहे शेर और बाघ जैसे बड़े शिकारी जानवर, वार्षिक रिपोर्ट से हुआ खुलासा

| Updated: Mar 09, 2022, 09:58 AM IST

आठ साल की शेरनी हेमा के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके चलते 10 जनवरी को महज आठ साल की उम्र में उसकी मौत हो गई.

डीएनए हिंदी: बीते ढाई सालों में दिल्ली चिड़ियाघर (Delhi Zoo) में बाघ और शेर जैसे सात बड़े शिकारी जानवरों की मौत हुई है. रिकॉर्ड के मुताबिक, इनमें से करीब चार की मौत का कारण गुर्दे की बीमारी रहा.

चिड़ियाघर 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, शारीरिक गतिविधियों और कसरत की कमी के चलते शेर-बाघ जैसे बड़े शिकारी जानवर मोटापे का शिकार हो जाते हैं यही वजह है कि इन जानवरों में गुर्दे की बीमारी होने का खतरा अधिक रहता है. रिपोर्ट में कहा गया कि इस परेशानी का निदान करने के लिए उन्हें अलग-अलग तरह का खाना दिया जाता है. शेर और बाघ जैसे बड़े शिकारी जानवरों के बाड़ों में गतिविधियों के लिए उपकरण रखे जाते हैं. साथ ही समय-समय पर उनके स्वास्थ्य की जांच भी की जाती है.

दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक धर्मदेव राय की मानें तो इस मामले का विस्तृत अध्ययन करने की जरूरत है. 21 फरवरी को कार्यभार संभालने वाले धर्म देव राय ने कहा कि शेरों और बाघों की मौतें उनके कार्यकाल से पहले हुई हैं, उन्हें मामले का आकलन करने के लिए समय की आवश्यकता होगी. 

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राय ने कहा, 'मुझे कार्यभार संभाले कुछ ही दिन हुए हैं. इन मामलों को देखने में कुछ समय लगेगा. हालांकि मौत के कारणों और इससे जुड़ी सभी रिपोर्ट्स को पिछले डायरेक्टर्स को भी पेश किया गया था लेकिन कुछ भी अजीब नहीं निकला. हम एक बार फिर सभी मौजूदा जानवरों के स्वास्थ्य की जांच करेंगे. हम उनके वंश और संतति के बारे में अधिक जानने का प्रयास करेंगे और किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले उनकी मौत के कारणों को देखेंगे.'

इधर एक अधिकारी ने बताया कि इससे पहले आठ साल की शेरनी हेमा के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके चलते 10 जनवरी को महज आठ साल की उम्र में हेमा की मौत हो गई. इसके अलावा बीते साल 9 मई के दिन दिल का दौरा पड़ने से अमन नाम के शेर ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया. हेमा और शेर अमन को 2015 में छत्तीसगढ़ के छतबीर चिड़ियाघर से लाया गया था. 

अधिकारी ने बताया, अमन में क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व शारीरिक असामान्यताओं के साथ कई अंगों में विफलता के लक्षण दिखाई दिए थे. इसी तरह छह वर्षीय सफेद बाघिन निर्भया की दो शावकों को जन्म देने के चार दिन बाद 14 दिसंबर 2020 को एक्यूट कार्डियक फेल्योर के कारण मौत हो गई थी. 

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कुछ दिन बाद दोनों शावकों का भी निधन हो गया. 15 वर्षीय बंगाल टाइगर बिट्टू की 19 नवंबर 2020 को क्रोनिक किडनी डिसआर्डर और उम्र से संबंधित समस्याओं के कारण मृत्यु हो गई. इसे 2014 में भोपाल के वन विहार चिड़ियाघर से लाया गया था. बता दें कि बंगाल टाइगर का औसत जीवनकाल आठ से 10 साल का होता है. 

वहीं दिल्ली के चिड़ियाघर में फिलहाल पांच सफेद बाघ हैं. इनमें से तीन नर और दो मादा हैं. साथ ही चार बंगाल टाइगर्स हैं जिनमें से तीन मादाएं हैं और एक नर हैं. इनके अलावा चिड़ियाघर में चार शेर हैं जिनमें दो नर और दो मादाएं हैं.

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