ओडिशाः Chilika झील में लौटी परिंदों की बहार, इस साल आए 10.74 लाख पक्षी!

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 06, 2022, 01:25 PM IST

Chilika, largest wintering ground

ओडिशा की चिल्का झील एशिया उपमहाद्वीप में सबसे बड़ी खारे पानी की झील है. यहां हर साल लाखों प्रवासी पक्षी आते हैं.

डीएनए हिंदीः चिल्का वाइल्ड लाइफ डिवीजन (Chilika wildlife division) की वार्षिक पक्षी गणना के मुताबिक इस बार चिल्का झील में 10,74,173 प्रवासी पक्षी आए. यह पक्षी 183 अलग-अलग प्रजातियों के हैं. पिछले साल यह संख्या 12 लाख से अधिक थी. झील में मौजूद पक्षियों की गिनती 106 कर्मियों द्वारा की गई है. इनमें सबसे ज्यादा 97 प्रजातियों के 3,58,889 पक्षियों ने नलबाना बर्ड सेंचुरी (Nalabana Bird Sanctuary) में बसेरा डाला था.

ओडिशा की चिल्का झील में इस साल सर्दियों में 10.74 लाख से ज्यादा प्रवासी पक्षी आए हैं. पक्षियों की गिनती के लिए 106 कर्मियों को तैनात किया गया था. इन पक्षियों में दुर्लभ मंगोलियाई गुल भी शामिल है. चिल्का झील के नलबाना अभयारण्य में 97 प्रजाति के 3,58,889 पक्षियों को देखा गया है. यह संख्या पिछले साल से 65,899 कम है.

वहीं बत्तखों की तीन pintail प्रजातियों में उत्तरी पिंटेल (northern pintail) 1,72,285, गैडवाल (gadwall) 1,53,985, यूरेशियन कबूतर (Eurasian wigeon) 1,50,843 की संख्या इस साल एक लाख से अधिक मिली है. लेकिन गैडवाल (gadwall) और यूरेशियन कबूतर (Eurasian wigeon) की जनसंख्या पिछले साल से कम देखने को मिली.   

पिछले साल से कम पक्षियों ने भरी चिल्का की उड़ान

पिछले साल के मुकाबले इस साल चिल्का झील में लगभग 1 लाख पक्षियों की कमी देखी गई. गैडवाल (gadwall) और यूरेशियन कबूतर (Eurasian wigeon) की जनसंख्या पिछले साल से कम रही. साथ ही उत्तरी फावड़ा (northern shoveler), गुच्छेदार बत्तख ( tufted duck) और लाल कलगी पोचार्ड (red crested pochard) की संख्या में कमी देखने को मिली. पक्षियों की कमी का कारण उच्च जल स्तर और आसपास के क्षेत्रों में मौजूद खेतों का पानी भी है. 105 वन विभाग के अधिकारियों की 21 टीमों ने चिल्का झील वाइल्ड लाइफ डिवीजन के तहत पांच रेंज- चिल्का, बालूगांव, सतपाड़ा, टांगी और रंभा में पक्षियों गणना की थी. 
 

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