डीएनए हिंदी: ओडिशा के बालासोर में 2 जून को तीन ट्रेनों की हुई टक्कर से भयावह रेल हादसा हुआ था. इस हादसे में 275 से ज्यादा लोगों की दर्दनाक मौत हुई और हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे. मृतकों के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. लोगों की मौत से घरों में मातम की स्थिति है लेकिन इस दुख की घड़ी में भी कुछ लोग अपने लालच को सिद्ध करने का रास्ता अपना रहे हैं. एक लड़का अपनी मां की मौत का दावा करते हुए सरकारी नौकरी की मांग करने लगा और इसके लिए वह रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के घर तक पहुंच गया. इस मामले में अब बड़ा खुलासा हुआ है.
दरअसल, पटना के रहने वाले 42 वर्षीय संजय कुमार रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर और अपने लिए नौकरी पाने के उद्देश्य से दिल्ली आया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह शख्स अश्विनी वैष्णव के घर पर पहुंचने के अलावा दिल्ली के रेलवे भवन गया था.
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अश्विनी वैष्णव के घर पहुंचा था शख्स
इस फ्रॉड के बारे में रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि जब संजय कुमार रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के आवास पर पहुंचा तो उसे मंत्री से मिलने के लिए रेल भवन जाने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद वह मंत्री के कार्यालय पहुंचा और बार-बार बयान बदल रहा था जिसके बाद उसे पकड़ लिया गया था
जानकारी के मुताबिक आरोपी संजय कुमार ने यह दावा करते हुए संपर्क किया था कि उसकी मां कोरोमंडल एक्सप्रेस में यात्रा करने वाले यात्रियों में से एक थी और दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई थी. अधिकारियों ने कहा कि शख्स के पास अपनी मां के ट्रेन से यात्रा करने का कोई सबूत नहीं था, इसके चलते ही अधिकारियों को उस पर शक हुआ था.
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अधिकारियों को नहीं दे पाया कोई प्रमाण
रेलवे के एक अन्य अधिकारी ने जानकारी दी है कि जब उससे वेटिंग लिस्ट या मां की यात्रा से संबंधित अन्य जानकारी दिखाने के लिए कहा तो संजय कुमार कोई भी जवाब नहीं दे सका. उसने दावा किया कि उसने एक ट्रैवल एजेंट के माध्यम से टिकट बुक किया था, लेकिन उसे उसका नाम याद नहीं है.
जानकारी के मुताबिक अधिकारियों ने उसकी मां की तस्वीर लेकर हादसे से पहले के फुटेज के जरिए फेशियल रिकॉग्निशन तकनीक से वेरिफिकेशन किया लेकिन उन्हें इस दौरान भी कुछ नहीं मिला. हालांकि बाद में जब लगातार जांच पड़ताल की गई तो उसने कबूल किया कि उसने रेल मंत्री से मिलने के लिए अपनी मां की मौत के बारे में झूठ बोला था. उसने बताया कि उसकी मां की मौत 2018 में ही हो गई थी.
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क्यों किया यह संगीन फ्रॉड
रेलवे अधिकारियों की पड़ताल में सामने आया कि शख्स पूर्वी दिल्ली के मंडावली में अपने एक रिश्तेदार के घर पर रुका था, लेकिन उसने दावा किया कि जिस परिवार के साथ वह रुका है, उसके पास उसका कोई कॉन्टैक्ट नंबर नहीं है. झूठ बोलकर सरकारी नौकरी की मांग करने वाले इस शख्स के दो बच्चे हैं और वह बेरोजगारी के चलते हताश हो चुका था जिसके चलते उसने यह फ्रॉड करने की सोची थी.
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