डीएनए हिंदी: कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) के एक जवान ने हादसे की आशंका जताई थी. वह पहले ऐसे शख्स थे, जिन्होंने शुरुआती बचाव प्रयासों में शामिल होने से पहले ओडिशा के इमरजेंसी सर्विसेज को अलर्ट किया था. उन्होंने बताया था कि बालासोर में भीषण ट्रेन हादसा हो सकता है.
NDRF के जवान वेंकटेश एनके छुट्टी पर थे और पश्चिम बंगाल के हावड़ा से तमिलनाडु की यात्रा कर रहे थे. अधिकारियों ने कहा कि वह बाल-बाल बच गए क्योंकि जिस डिब्बे बी-7 में वह सवार थे, वह पटरी से उतर गया था लेकिन आगे के डिब्बों से नहीं टकराया.
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कंट्रोल रूम तक भेजी थी ट्रेन की लाइव लोकेशन
कोलकाता में एनडीआरएफ की दूसरी बटालियन के साथ तैनात 39 वर्षीय जवान ने सबसे पहले बटालियन में अपने वरिष्ठ निरीक्षक को फोन करके दुर्घटना की जानकारी दी. उसके बाद उन्होंने व्हाट्सएप पर घटनास्थल की ‘लाइव लोकेशन’ एनडीआरएफ नियंत्रण कक्ष को भेजी और इसका इस्तेमाल पहले बचाव दल ने मौके पर पहुंचने के लिए किया.
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बालासोर हादसे में 288 लोगों की मौत, 1,100 से ज्यादा घायल
बालासोर जिले में शुक्रवार की शाम लगभग सात बजे शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से यह हादसा हुआ, जिसमें कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक यात्री घायल हो गए.
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