डीएनए हिंदीः कई देशों में कोरोना के मामलों में एक बार फिर इजाफा होने लगा है. अब इसके पीछे कोरोना के ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट (Omicron subvariant) को वजह बताया जा रहा है. इस वेरिएंट को बीए.2 ( BA.2) नाम दिया गया है. भारत में भी इसकी दस्तक हो चुकी है. इसके अब तक 530 सैंपल्स मिल चुके हैं. दावा किया जा रहा है कि यह सब वेरिएंट ओमिक्रॉन से भी तेजी से फैलता है. ब्रिटिश हेल्थ डिपार्टमेंट ने ओमिक्रॉन के इस सब-वेरिएंट से जुड़े सैकड़ों मामलों की पहचान की है. यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (UKHSA) ने इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए जांच के बाद इसका नाम बीए. 2 रखा है.
40 देशों में मिले बीए.2 के मामले
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक करीब 40 देशों में ओमिक्रॉन के नए सब-वेरिएंट का पता चला है. डेनमार्क में BA.2 के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं, डेनमार्क के विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि नए वेरिएंट की वजह से ओमिक्रॉन वायरस से बढ़ रही महामारी के दो अलग-अलग पीक आ सकते हैं. ओमिक्रॉन के BA.2 सब-वेरिएंट का पता सिर्फ जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से लगाया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: Covid-19: धीमी हुई रफ्तार, बीते 24 घंटे में मिले 3, 06,064 नए मामले, कल की तुलना में 27,469 कम
ब्रिटेन में सबसे पहले सामने आए मामले
जनवरी के पहले 10 दिनों में ब्रिटेन में इस वेरिएंट के 400 से अधिक मामलों की पहचान की गई है. एक ऑनलाइन न्यूज मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट के 530, स्वीडन में 181 और सिंगापुर में 127 सैंपल मिले हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओमिक्रोन वेरिएंट को 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' बताया है. ये माना जा रहा है कि इसका सब-वेरिएंट बीए.2 भी इसी तरह का है. यानी इन दोनों के बीच कोई खास अंतर नहीं है.
सबसे घातक माना जा रहा है ये वेरिएंट
UKHSA के डायरेक्टर डॉ. मीरा चंद के मुताबिक ओमिक्रॉन लगातार म्यूटेट करने वाला वेरिएंट है. इसलिए ये उम्मीद की जा सकती है कि हम नए रूपों को देखना जारी रखेंगे. हम इसके जीनोम सीक्वेंसिंग पर लगातार निगरानी बनाए हुए है और खतरे के स्तर को पहचानने की कोशिश की जा रही है.