भारत में केवल एक तिहाई Diabetes Patient करते हैं अपनी सही देखभाल, एक लाख से ज्यादा लोगों पर हुई रिसर्च

| Updated: Apr 23, 2022, 01:00 PM IST

सांकेतिक चित्र

Diabetes Patients पर की गई इस रिसर्च में देश के 30 राज्यों के 113,043 लोगों को शामिल किया गया था.

डीएनए हिंदी: मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन ( Madras Diabetes Research Foundation )ने डायबिटीज के मरीजों पर एक शोध किया. इस शोध में सामने आया है कि भारत में मधुमेह के केवल एक-तिहाई मरीज ( Diabetes Patient ) ही इस बीमारी पर नियंत्रण करने के लिए प्रयासरत रहते हैं. रिसर्च में यह भी सामने आया कि आधे से भी कम लोगों का रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल पर अच्छा नियंत्रण है. देश के 30 राज्यों के 113,043 लोगों को इस रिसर्च में शामिल किया गया था. बता दें कि यह ऐसी पहली रिसर्च है, जिसमें देशभर के लोगों को शामिल किया गया था. 

रिसर्च का सैम्पल डाटा

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( Indian Council of Medical Research ) द्वारा की गई इस रिसर्च में देश के 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 20 वर्ष आयु के बराबर और उससे बड़े वयस्कों को शामिल किया गया. जिसमें 33,537 शहरी और 79,506 ग्रामीण निवासियों के सैंपल लिए गए.  मधुमेह की बीमारी से पीड़ित 5,789 मरीजों का सैम्पल इस रिसर्च में लिया गया. 

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रिसर्च का निष्कर्ष

इस रिसर्च में पाया गया कि मधुमेह ( Diabetes ) से पीड़ित 36.3 प्रतिशत आबादी ने अच्छा ग्लाइसेमिक नियंत्रण प्राप्त किया है. इसके साथ 48.8 प्रतिशत ने अच्छा रक्तचाप ( Blood Pressure ) नियंत्रण हासिल किया और 41.5 प्रतिशत ने कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण हासिल किया है. 

यह भी सामने आया है कि केवल 6.7 प्रतिशत आबादी घर पर अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच के लिए ब्लड ग्लूकोज मॉनिटर का उपयोग करते हैं. इन्सुलिन लेने वाले मरीजों में से 36.9 प्रतिशत ही अपने ब्लड ग्लूकोज़ पर निगरानी रखते हैं. वह भी तब जब हर दिन जांच करने के दिशा-निर्देश दिए गए हों.

रिसर्च में आगे बताया गया कि 20 प्रतिशत से भी कम आबादी प्रति दिन फलों और सब्जियों की तीन सर्विंग्स का सेवन करती है. जबकि डबल्यूएचओ पांच सर्विंग्स का सुझाव देती है. यह भी सामने आया कि मधुमेह के 25 प्रतिशत से भी कम मरीज ही शारीरिक गतिविधि या व्यायाम करते हैं. अध्ययन के नतीजे द लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी में प्रकाशित किए गए हैं. 

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