डीएनए हिंदी: पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने रविवार को कहा कि अगर केंद्र राज्यों को और निधि या अनुदान नहीं देता है तो क्या राज्य पेट्रोल और डीजल पर वैट से मिलने वाले राजस्व को छोड़ने की स्थिति में होंगे?
पी चिदंबरम ने कहा कि राज्यों के लिए हालात 'एक तरफ कुआं और एक ओर खाई' के जैसे हैं. कांग्रेस नेता का बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब जब एक दिन पहले सरकार ने पेट्रोल (Fuel prices cut) पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर की कटौती और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की.
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क्यों चिदंबरम ने कसा तंज?
पी चिदंबरम ने कहा, 'पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने का नोटिफिकेशन अब आया है. वित्त मंत्री ने उत्पाद शुल्क शब्द का इस्तेमाल किया था लेकिन कटौती दरअसल अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में की गई है, जिसे राज्यों के साथ साझा नहीं किया जाता है.'
पी चिदंबरम ने कहा, 'इसलिए मैंने कल जो कहा था, उसमें सुधार करते हुए अब मैं कहना चाहता हूं कि कटौती का पूरा बोझ केंद्र पर ही आएगा. राज्यों को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क का बहुत कम हिस्सा मिल रहा है. उन्हें पेट्रोल और डीजल पर जो राजस्व मिलता है वह वैट के जरिए मिलता है.'
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एक तरफ कुआं-दूसरी तरफ खाई
कांग्रेस नेता ने कहा, 'ऐसे में जब तक केंद्र राज्यों को और निधि या अनुदान नहीं देगा, क्या तब तक वे राजस्व में कटौती कर पाएंगे.' उन्होंने कहा है कि राज्यों के लिए तो स्थिति एक तरफ कुआं और एक ओर खाई के जैसी है.
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