Padma Awards 2024: गणतंत्र दिवस से पहले घोषित हुए पद्म पुरस्कार, देश की पहली महिला महावत बनी पद्मश्री, यहां देखें पूरी लिस्ट

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Jan 25, 2024, 10:16 PM IST

Padma Award List

Padma Awards 2024 Updates: केंद्र सरकार ने इस साल का भारत रत्न सम्मान पहले ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को देने की घोषणा कर दी थी. अब पद्मश्री, पद्मविभूषण और पद्मभूषण पुरस्कार पाने वालों के नाम भी घोषित कर दिए हैं.

डीएनए हिंदी: Padma Awards 2024 List- केंद्र सरकार ने गुरुवार रात को साल 2024 के लिए पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वालों के नाम घोषित कर दिए हैं. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित की गई सूची में पद्म विभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री से सम्मानित होने वाली 34 हस्तियों के नाम जारी किए गए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने एक बार फिर इन सम्मानों को पाने वालों में ऐसे लोगों का चुनाव किया है, जो वास्तव में जमीन से जुड़े लोगों के लिए काम कर रहे हैं. पद्मश्री पाने वालों की सूची में खास नाम देश की पहली महिला महावत पारबती बरूआ और आदिवासी पर्यावरणविद् चार्मी मुर्मू का है. असम के गौरीपुर राजघराने से ताल्लुक रखने वाली पारबती बरूआ पर कई डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी बन चुकी हैं. इनके अलावा इस सूची में कई अन्य ऐसे नाम शामिल हैं, जिन्हें अपने-अपने क्षेत्र में समाज की शक्ल बदलने के लिए प्रतिष्ठा की नजर से देखा जाता है.

भारत रत्न सम्मान दो दिन पहले ही हो चुका घोषित

केंद्र सरकार ने देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न पाने वाले नाम की घोषणा दो दिन पहले 23 जनवरी को ही कर दी थी. साल 2024 के लिए भारत रत्न सम्मान बिहार के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को देने का निर्णय लिया गया है, जो अति पिछड़े वर्ग के बड़े नेता और समाज सुधारक के तौर पर जाने जाते थे. भारत रत्न के बाद देश के नागरिक सम्मानों में पद्म विभूषण, फिर पद्म भूषण और उसके बाद पद्म श्री को गिना जाता है. इन्हें हर साल समाज के लिए कुछ खास काम करने वाली हस्तियों को दिया जाता है.

इस बार पद्मश्री से सम्मानित होने वाले कुछ खास नाम

केंद्र सरकार ने इस बार जिन हस्तियों को पद्मश्री से सम्मानित करने का निर्णय लिया है, उनमें पारबती बरूआ और चार्मी मुर्मू के अलावा मिजोरम के सामाजिक कार्यकर्ता सांगथानकिमा, आगजनी की घटनाओं के शिकार लोगों की प्लास्टिक सर्जरी करने वालीं डॉक्टर प्रेमा धनराज, अंतरराष्ट्रीय मल्लखंभ कोच उदय विश्वनाथ देशपांडे, सिरसा के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह, 650 से ज्यादा चावल की किस्मों को संरक्षित करने वाले कर्नाटक के कासरगौड़ निवासी चावल किसान सत्यनारायण बेलेरी, साइकिल पर घूम-घूमकर जगह-जगह बंजर जमीनों पर बरगद, आम और ब्लैकबेरी के पेड़ उगाने वाले पुरुलिया निवासी आदिवासी पर्यावरणविद् दुखू माझी (78 वर्ष), छत्तीसगढ़ के आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जागेश्वर यादव, सोमन्ना, सर्वेश्वर और देश के पहले Sickle Cell Anemia Control Program की डेवलपर येजदी मानेकशॉ इटालिया का नाम शामिल है.

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