Indian Army में पाकिस्तानी घुसपैठ? दो पाकिस्तानी फर्जी दस्तावेज पर हुए भर्ती, हाई कोर्ट ने मांगा जवाब

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 14, 2023, 05:10 PM IST

Calcutta High Court (File Photo)

Calcutta High Court में दाखिल याचिका में दावा किया है कि सेना और सीआरपीएफ में फर्जी दस्तावेजों से भर्ती कराने वाला रैकेट एक्टिव है. याचिका दाखिल करने वाले ने अपने एक रिश्तेदार के भी शामिल होने की बात कही है.

डीएनए हिंदी: West Bengal News- भारतीय सेना और सीआरपीएफ में फर्जी दस्तावेजों से लोगों को भर्ती कराने वाला रैकेट एक्टिव है. यह रैकेट पाकिस्तानी नागरिकों को भी भारतीय सेना में एंट्री दिला रहा है. ऐसे दो पाकिस्तानी नागरिकों के भारतीय सेना का जवान बनने की जानकारी देने वाली याचिका कलकत्ता हाई कोर्ट में दाखिल की गई है. याचिका दाखिल करने वाले ने अपने एक रिश्तेदार के भी इस रैकेट में शामिल होने का आरोप लगाया है. कलकत्ता हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के जज जस्टिस राजशेखर मंथा ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए सुनवाई शुरू कर दी है. हाई कोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार समेत कई विभागों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. साथ ही इसकी जांच सीआईडी से कराने के निर्देश दिए हैं.

बैरकपुर में तैनात हैं दोनों पाकिस्तानी

हाई कोर्ट में हुगली जिले के निवासी बिष्णु चौधरी ने याचिका दाखिल की है. बिष्णु ने आरोप लगाया है कि सेना में भ्रष्टाचार फैला हुआ है. भर्ती कराने वाला रैकेट फर्जी दस्तावेजों को जरिये SSC GD Exam में पास कराकर देश के दुश्मनों को भी भारतीय सेना में एंट्री दिला रहा है. बिष्णु के मुताबिक, ऐसे दो पाकिस्तानी नागरिक फिलहाल उत्तर 24 परगना जिले की बैरकपुर रक्षा छावनी में तैनात हैं, जिनके नाम जयकांत कुमार और प्रद्युम्न कुमार है. बिष्णु ने आरोप लगाया है कि इन लोगों को सेना में भर्ती कराने वाले रैकेट में उसका एक करीबी रिश्तेदार महेश चौधरी और उसका दोस्त राजू गुप्ता भी शामिल है. उसी ने सारे मामले की जानकारी दी थी. यह गिरोह इतना एक्टिव है कि उसने भर्ती के लिए होने वाले एग्जाम में भी सेंध लगा दी है. वह अपने मनचाहे लोगों को पास कराने में सफल हो रहा है.

जान से मारने का खतरा जताया

बिष्णु ने हाई कोर्ट से यह भी कहा कि इस मामले में उसने कई जगह शिकायत की है. इसके चलते उसे भी जान से मारने की कोशिश की जा रही है. फर्जी दस्तावेज पर भर्ती कराने वाला रैकेट जाली निवास प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र, ओबीसी प्रमाण पत्र भी बनवाकर दे रहा है, जिन्हें बनाने में डीएम, एसडीएम, नगर पालिका चेयरमैन, पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं.

हाई कोर्ट ने माना गंभीर है मुद्दा

हाई कोर्ट ने याचिका में लगाए आरोपों को बेहद गंभीर मानते हुए जांच कराए जाने की जरूरत बताई है. जस्टिस राजशेखर ने इस मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का हाथ होने की भी संभावना मानी है. हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार, पश्चिम बंगाल पुलिस के डीजीपी, हुगली जिले के पुलिस अधीक्षक, सीबीआई के क्षेत्रीय निदेशक और मोगरा पुलिस स्टेशन इंचार्ज को नोटिस जारी किया है. साथ ही इस मामले में की गई कार्रवाई को लेकर जवाब मांगा है.

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