कैसा रहा मानसून सत्र का पहला दिन, किस पर हुई चर्चा, कहां हुई तकरार?
Parliament Monsoon session Day 1 highlights.
मानसून सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर जमकर हंगामा भड़का. सरकार ने कहा है कि वह चर्चा के लिए तैयार है. गृहमंत्री अमित शाह विपक्ष के सवालों का जवाब देंगे.
डीएनए हिंदी: संसद के दोनों सदन, राज्यसभा और लोकसभा में मणिपुर का मुद्दा छाया रहा. विपक्ष ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. दोनों सदनों का कार्य पहले ही दिन बाधित रहा. लोकसभा और राज्यसभा स्पीकर ने सदन को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया है. संसद के दोनों सदनों राज्यसभा व लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. मणिपुर पर लोक सभा में चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने जमकर हंगामा किया. सरकार की तरफ से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन के अंदर विपक्षी दलों से सदन चलने देने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है. अध्यक्ष जब भी समय देंगे सरकार चर्चा के लिए तैयार है.
दोपहर बाद 2 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही जोशी ने विपक्षी सांसदों के हंगामे और नारेबाजी के बीच आगे कहा कि सदन के उपनेता राजनाथ सिंह पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार मणिपुर के मसले पर दोनों सदनों में चर्चा के लिए तैयार है.
मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है सरकार?
प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मणिपुर पर चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह जवाब भी देंगे. उन्होंने सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि कई महत्वपूर्ण बिल हैं, जिसे पास करवाना जरूरी है. इसलिए वे विपक्ष से सदन चलने देने की अपील करते हैं. लेकिन, प्रधानमंत्री के जवाब या बयान की मांग पर अड़ा विपक्ष लगातार तुरंत मणिपुर पर चर्चा करवाने की मांग करता रहा.
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एक दिन के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित
नारेबाजी करते हुए कई विपक्षी सांसद बेल में भी आ गए. पीठासीन सभापति किरिट प्रेमजीभाई सोलंकी भी लगातार सदन चलने देने की अपील करते रहे. लेकिन, सदन में नारेबाजी जारी रहने पर उन्होंने जरूरी कागज सदन के पटल पर रखवाने के बाद लोक सभा की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया. लोक सभा की अगली कार्यवाही शुक्रवार, 21 जुलाई को सुबह 11 बजे शुरू होगी.
मानसून सत्र के पहले दिन किसने क्या कहा?
कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, महिलाओं के साथ बलात्कार किया जाता है, नग्न किया जाता है, घुमाया जाता है और भयानक हिंसा हो रही है लेकिन, प्रधानमंत्री इतने दिनों से चुप हैं. इतने आक्रोश के बाद आज उन्होंने संसद के बाहर बयान दिया. हम मणिपुर पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं और पीएम मोदी को सदन में इस पर विस्तृत बयान देना चाहिए. हम मणिपुर के मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे और राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग करते हैं.
किस नियम के तहत चर्चा चाहता है विपक्ष?
विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर संसद के नियम 267 के अंतर्गत चर्चा की मांग कर रहा है. मणिपुर मुद्दे पर राज्यसभा पहले 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई. 12 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर इसी मुद्दे पर दोबारा हंगामा शुरू हुआ, जिसके बाद सदन की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. 2 बजे राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होने के कुछ देर उपरांत हंगामे के कारण सदन को शुक्रवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा.
संसद में जमकर गूंजा मणिपुर-मणिपुर
सदन में अधिकांश विपक्षी दलों के सांसद अपने स्थान पर खड़े होकर 'मणिपुर-मणिपुर' के नारे लगाने लगे. विपक्ष का कहना था कि नियम 267 के अंतर्गत अन्य सभी कार्यों को स्थगित करके राज्यसभा में मणिपुर हिंसा पर चर्चा की जाए. विपक्ष के सदस्यों ने यह मांग भी रखी थी मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री बयान दें. मणिपुर मुद्दे पर सरकार और सभापति शॉर्ट डिस्कशन पर राजी हैं. लेकिन, विपक्ष प्रधानमंत्री द्वारा मणिपुर मुद्दे पर सदन में बयान और इस विषय पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है.
पीएम मोदी को मणिपुर पर बोलना ही होगा
शॉर्ट डिस्कशन की बात सुनकर टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को मणिपुर वीडियो पर बोलना होगा. वह अब चुप नहीं रह सकते हैं. इस मुद्दे पर सभापति और कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे के बीच भी सदन में नोकझोंक हुई. कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सॉरी लेकिन आप प्रकिया और नियमों की बात कर रहे हैं. इस पर धनखड़ ने कहा कि इसमें 'सॉरी' यानी कि गलत क्या है.
संसद में जमकर हुई नोकझोक
जवाब में खड़गे ने कहा कि मैं प्रक्रिया का पालन करता हूं तभी अपनी अंगुली उठाई. वहीं, धनखड़ ने कहा कि सबको ही प्रक्रिया का पालन करना चाहिए. राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है. उनका कहना था कि विपक्ष के रवैये को देखने के बाद यह स्पष्ट है कि उन्होंने संसद नहीं चलने देने का मन बना लिया है.
राज्यसभा में कैसा रहा पहला दिन?
पीयूष गोयल ने कहा कि राज्यसभा में सरकार ने स्पष्ट किया कि हम मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. बावजूद इसके कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सदन की कार्यवाही बाधित कर रहे हैं और उन्होंने सदन में नियमों के अनुसार चर्चा नहीं होने दी. पीयूष गोयल ने कहा कि इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि विपक्ष बिल्कुल नहीं चाहता कि संसद चले. टीएमसी के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन का कहना था कि मणिपुर के मुद्दे पर राज्यसभा में तुरंत चर्चा होनी चाहिए.
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डेरेक ओ'ब्रायन ने संसद की कार्यवाही के नियम 267 का हवाला देते हुए कहा कि इस नियम के अंतर्गत चर्चा के लिए किसी भी बिजनेस को सस्पेंड किया जा सकता है.
विपक्ष का कहना था कि फिलहाल हम सदन में केवल मणिपुर पर चर्चा करना चाहते हैं. बाद में शोर और हंगामे के कारण सभापति ने सदन की कार्यवाही को दोपहर शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. (इनपुट: IANS)
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