डीएनए हिंदी: Award Wapsi News- राजनीतिक मुद्दों पर विरोध जताने के लिए सम्मान लौटाना अब एक परंपरा सी बन गई है, लेकिन अब एक संसदीय समिति ने इस पर रोक लगाने की राह खोज ली है. समिति ने अवॉर्ड वापसी को देश की अस्मिता से जोड़ते हुए सम्मानित होने वालों से पहले शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कराने की सिफारिश सरकार से की है. समिति का मानना है कि ऐसा करने पर 'अवॉर्ड वापसी' जैसे हालात से बचा जा सकेगा, जिससे दूसरे देशों में भारत को हंसी का पात्र नहीं बनना पड़ेगा.
अवॉर्ड देने वाले संस्थानों को दिए जाएं निर्देश
संसदीय समिति ने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि टॉप कल्चरल इंस्टीट्यूशंस और एकेडमीज को खास निर्देश दिए जाएं. इन निर्देशों में यह स्पष्ट हो कि सरकारी अवॉर्ड पाने वाले लोगों से पहले उनसे लिखित सहमति ली जाए. इसके साथ ही उनसे एक अंडरटेकिंग पर साइन कराए जाएं. समिति का मानना है कि इससे बाद में अवॉर्ड वापस करने की घटनाओं में कमी आएगी.
अवॉर्ड्स को राजनीति का जरिया बनाना शर्मनाक
India Today की रिपोर्ट के मुताबिक, समिति ने कहा है कि सांस्कृतिक दायरे से बाहर के राजनीतिक मुद्दों के विरोध में अवॉर्ड लौटाए जा रहे हैं. इससे अवॉर्ड्स के सम्मान और प्रतिष्ठा प्रभावित होती है. समिति ने कहा है कि कोई भी अवॉर्ड किसी संगठन द्वारा एक कलाकार का सम्मान होता है और इसमें राजनीति के लिए जगह नहीं होना चाहिए. इसे राजनीति का जरिया बनाना समिति ने शर्मनाक बताया है.
राजनीतिक कारण से अवॉर्ड नहीं लौटाने की ली जाए अंडरटेकिंग
समिति ने कहा है कि कोई भी अवॉर्ड देने से पहले उसे पाने वाली की लिखिति सहमति ली जाए. साथ ही यह अंडरटेकिंग ली जाए कि वह अवॉर्ड को किसी राजनीतिक कारण से वापस नहीं करेगा. समिति ने कहा, एक सिस्टम बनाया जाना चाहिए, जिसमें प्रस्तावित अवॉर्डी से अवॉर्ड पाने की सहमति ली जानी चाहिए. साथ ही उससे एक अंडरटेकिंग भी ली जानी चाहिए कि वह भविष्य में कभी भी उस अवॉर्ड का अपमान नहीं करेगा. समिति ने यह भी कहा है कि यदि कोई किसी भी हालत में अवॉर्ड को लौटाता है तो उसके नाम पर भविष्य में फिर कभी किसी अन्य अवॉर्ड के लिए विचार नहीं किया जाएगा.
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