खतरे में 'बादल का तख्त'! नया शिअद खड़ा करने के लिए सरना ने शुरू की मुहिम

| Updated: Mar 21, 2022, 09:26 PM IST

Sukbhir Singh Badal (Image Credit- Twitter/officeofssbadal)

परमजीत सिंह सरना ने शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने बादल के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी है.

डीएनए हिंदी: पंजाब में शिरोमणी अकाली दल लगातार दूसरा विधानसभा चुनाव हार गई है. इस चुनाव में पार्टी को मिली बुरी हार के बाद कहा जाने लगा है कि SAD अब अपने राजनीतिक पतन की ओर है. पार्टी की कमान बादल परिवार से छीनने के लिए  SAD(D) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने मोर्चा खोल दिया ्है. उन्होंने सुखबीर बादल के खिलाफ आम सहमित बनाने के लिएप्रमुख सिख हस्तियों की बैठक की. इस बैठक में मूल SAD की स्थापना की योजनाओं पर भी विचार किया गया.

सोमवार को ज़ी न्यूज़ से बात करते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा, "मूल SAD से हमारा मतलब बादलों के बिना शिरोमणि अकाली दल और एक शिरोमणि अकाली दल से है जो पूरी तरह से पंथ के लिए प्रतिबद्ध हो. सत्ता की राजनीति के लिए नहीं."

बैठक के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बैठक में प्रो. पृथ्वीपाल सिंह कपूर, डॉ. एस.पी. सिंह, प्रो. गुरतेज सिंह, डॉ. गुरदर्शन सिंह ढिल्लों, एसजीपीसी सदस्य बीबी किरणजोत कौर, बीर दविंदर सिंह सहित 70 से अधिक महत्वपूर्ण सिख हस्तियों ने भाग लिया.

उन्होंने कहा, "हमने अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से आग्रह किया है कि वे सुखबीर सिंह बादल को शिअद के अध्यक्ष पद से हटने और नया अध्यक्ष खोजने में सहयोग करने का आदेश दें ताकि पंथ के  कल्याण के लिए इसे फिर से जीवित किया जा सके."

उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि कार्यवाहक जत्थेदार शिअद के गौरव को बहाल करने के लिए हस्तक्षेप करेंगे क्योंकि उन्होंने खुद पंजाब विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद शिअद के भविष्य पर चिंता व्यक्त की थी. सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में शिअद 117 में से केवल 3 सीटों पर सिमट गई है. सरना ने आगे कहा, "और यदि कार्यवाहक जत्थेदार ने बादल को निर्देश जारी नहीं किया तो हम स्वयं अकाल तख्त में एक बैठक बुलाएंगे और एक नया अध्यक्ष चुनेंगे."

यह कहते हुए कि सिख बुद्धिजीवियों ने 100 साल से अधिक पुराने शिअद की वर्तमान हालत पर गंभीर चिंता व्यक्त की है, सरना ने आरोप लगाया, "बादल ने अकाली दल को उसके अभूतपूर्व संकट में डाल दिया है. यह वास्तव में चिंताजनक है कि शिअद की इस हालत की वजह से सिखों ने पंजाब के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी राजनीतिक आवाज खो दी है."

मनजिंदर सिंह सिरसा और हरमीत सिंह कालका जैसे सिख नेताओं पर कटाक्ष करते हुए सरना ने आरोप लगाया कि वे दोनों डीएसजीएमसी में सत्ता हथियाना चाहते थे. उन्होंने दोनों को नए सिरे से चुनाव कराकर दिल्ली के संगत से नया जनादेश लेने की भी चुनौती दी. शिअद(डी) के अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है जो जल्द ही चंडीगढ़ में अपनी बैठक करेगी जिसके बाद पंजाब के सभी शहरों में सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे.

(चंडीगढ़ से रविंद्र सिंह रोबिन की रिपोर्ट)