डीएनए हिंदी: Bihar Latest News- बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला एक बार फिर विवाद में फंस गया है. पटना के करीब फातुहा में मुख्यमंत्री के काफिले को निकालने के लिए बिहार पुलिस द्वारा रोके गए ट्रैफिक में एक एंबुलेंस भी करीब एक घंटे तक फंसी रही. एंबुलेंस के अंदर बीमार नवजात बच्चे को गोद में लेकर बैठी मां रोती रही और पुलिस से एंबुलेंस को जाम से निकालने की गुहार लगाती रही, लेकिन किसी का भी दिल नहीं पसीजा. मुख्यमंत्री का काफिला गुजरने के बाद ही एंबुलेंस को वहां से जाने दिया गया. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है. मुख्यमंत्री के काफिले के कारण एंबुलेंस के जाम में फंसने की यह एक महीने के अंदर दूसरी घटना है. इसके चलते भाजपा समेत सभी विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है. भाजपा ने ये संवेदनहीनता है कि एक बीमार बच्चे के साथ उसका परिवार ट्रैफिक में फंसा रहा है.
नालंदा में फैक्ट्री का उद्घाटन करने के बाद लौट रहे थे नीतीश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीतीश कुमार अपने गृह जिले नालंदा में शुक्रवार को एक एथेनॉल फैक्टरी का उद्घाटन करने के बाद वापस पटना लौट रहे थे. इसी दौरान फातुहा रेलवे ओवरब्रिज के पास मुख्यमंत्री का काफिला निकालने के लिए पटना पुलिस ने पूरा ट्रैफिक रोक दिया. इसी दौरान वहां एक एंबुलेंस भी पहुंची थी, जो फातुहा के एक निजी अस्पताल से बीमारऔर बेहोश नवजात बच्चे को गंभीर हालत में लेकर दूसरे अस्पताल में जा रही थी. एंबुलेंस के ड्राइवर ने बच्चे की गंभीर हालत दिखाते हुए पुलिसकर्मियों से वाहन को जाने देने की गुहार लगाई, लेकिन उसे डांटकर चुप करा दिया गया. ड्राइवर के मुताबिक, बच्चे की गंभीर हालत और एंबुलेंस में उसे गोद में लेकर चिंता में रो रही मां को देखकर भी पुलिसकर्मियों का दिल नहीं पसीजा.
एक महीना पहले भी ऐसे ही रोक दी गई थी एंबुलेंस
करीब एक महीना पहले भी पटना में ऐसा ही एक और मामला सामने आया था. तब भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला निकालने के लिए गंभीर हालत वाले मरीज को लेकर जा रही एंबुलेंस रोक दी गई थी. इसे लेकर भी बेहद होहल्ला मचा था. अधिकारियों ने उस पुलिसकर्मी की भी पहचान कराई थी, जिसने एंबुलेंस रोकी थी. हालांकि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
इस साल जनवरी में भी मुख्यमंत्री की जनयात्रा के दौरान एक रेलवे क्रॉसिंग पर उनके काफिले को निकालने के लिए पुलिसकर्मियों ने जबरन ट्रेन ही रोक दी थी. ट्रेन को करीब 15 मिनट तक रोककर रखा गया था, जिसे लेकर रेलवे मंत्रालय ने बेहद नाराजगी भी जताई थी. हालांकि जब इसे लेकर मुख्यमंत्री से सवाल पूछा गया था तो नीतीश कुमार ने कहा था कि हमें इस बारे में कुछ नहीं पता था. इतना कहने के बाद नीतीश ने इस मामले को लेकर आगे कुछ नहीं कहा था.
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