डीएनए हिंदी: Phone Hacking Row Latest Updates- विपक्षी नेताओं को एप्पल कंपनी के फोन पर मिले हैकिंग अलर्ट का विवाद बढ़ता ही जा रहा है. केंद्र सरकार ने बुधवार को फिर से कहा है कि वह एप्पल की तरफ से कई विपक्षी नेताओं व सेलीब्रेटीज को उनके iphone पर भेजे गए 'स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स' को लेकर भेजे गए अलर्ट को लेकर गंभीर चिंता में है. इस मुद्दे पर एप्पल कंपनी से स्पष्टीकरण मांगने के लिए उसके अधिकारियों को संसद में तलब किया जा सकता है. इन अधिकारियों को इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर गठित संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee on Information Technology) की तरफ से समन भेजा जा सकता है, जिसमें इन्हें पेश होने के लिए कहा जा सकता है. उधर, विवादों में चल रही टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस मुद्दे पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने इस मुद्दे को गोपनीयता का गंभीर उल्लंघन बताया है.
स्थायी समिति की अगली बैठक में बुलाए जाएंगे एप्पल के अधिकारी
ANI ने स्थायी समिति के सचिवालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि एप्पल कंपनी के अधिकारी समिति की अगली बैठक में तलब किए जा सकते हैं. एप्पल के अधिकारियों से समिति विपक्षी नेताओं के iphone पर आए अलर्ट को लेकर सवाल-जवाब करेगी. सूत्रों का कहना है कि समिति इस मुद्दे पर गंभीर रूप से चिंतित है और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता का मामला मान रही है.
महुआ ने बताया है पत्र में संवैधानिक स्वतंत्रता का हनन
उधर, महुआ मोइत्रा ने लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र को एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया है. उन्होंने ट्वीट में पत्र का फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, संवैधानिक स्वतंत्रता और कानून के शासन के उल्लंघन में विपक्षी सदस्यों पर निगरानी के गंभीर मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है. खुद भी पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने (Cash and Query Row) में बुरी तरह फंसी महुआ ने India Today से बातचीत में कहा, यह गोपनीयता में सेंध लगाने का गंभीर मुद्दा है. जो भी मौजूदा भाजपा सरकार के खिलाफ बोल रहा है, उसे निशाना बनाया जा रहा है.
मंगलवार को आया था कई नेताओं के फोन पर अलर्ट
दरअसल यह पूरा विवाद मंगलवार को शुरू हुआ था. एप्पल कंपनी की तरफ से दर्जनों नेताओं के iphone पर एक अलर्ट भेजा गया था. इस अलर्ट में एप्पल ने 'स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स' को लेकर सावधान किया था और कहा था कि ये हैकर आपको iphone हैक करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके बाद विपक्षी नेताओं ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया था. यह अलर्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पवन खेड़ा, केसी वेणुगोपाल, सुप्रिया श्रीनेत, टीएस सिंहदेव और भूपिंदर सिंह हुड्डा, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को मिला था. इनके साथ ही शिवसेना (उद्धव) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कई सहयोगियों ने भी यह अलर्ट मिलने का दावा किया था. कई गैर राजनीतिक लोगों ने भी ये अलर्ट मिलने की बात कही थी.
सरकार ने नकारा था हैकिंग का आरोप
केंद्र सरकार ने विपक्षी नेताओं के फोन हैक कराने के आरोपों को स्पष्ट तौर पर नकार दिया था. साथ ही केंद्र सरकार ने यह भी कहा था कि वह इस पूरे मामले की गहन जांच कराएगी. सरकार ने यह भी कहा था कि एप्पल ने यह एडवाइजरी जैसा अलर्ट महज भारत में नहीं भेजा है, बल्कि उसने ये अलर्ट करीब 150 देशों में भेजा है, जिसकी प्रकृति पूरी तरह अस्पष्ट है.
एप्पल ने भी दिया था स्पष्टीकरण
इस अलर्ट को लेकर विवाद शुरू होने के बाद एप्पल कंपनी ने भी इस पर बयान जारी किया था. एप्पल ने कहा था कि इस तरह के थ्रेट नोटिफिकेशंस का मतलब किसी खास स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर से नहीं जुड़ा है. ऐसे नोटिफिकेशन भेजे जाते रहते हैं और ये गलत अलार्म भी हो सकते हैं. इसके बावजूद विपक्षी नेताओं ने इसे पीएम मोदी की सरकार के खिलाफ मुद्दा बना दिया है. इसी कारण संसदीय स्थायी समिति को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना पड़ रहा है.
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