डीएनए हिंदी: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मुंबई पूर्व कमिश्नर संजय पांडे (Sanjay Pandey) के खिलाफ अवैध फोन टैपिंग मामले में केस दर्ज किया है. संजय पांडे (Sanjay Pandey)के अलावा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व एमडी व सीईओ चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) के खिलाफ भी प्रातमिकी दर्ज की है.
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की कार्रवाई केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से शिकायत मिलने के बाद हुई है. संजय पांडे और चित्रा रामकृष्ण के अलावा सीबीआई ने इस मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के एक अन्य पूर्व सीईओ व एमडी रवि नारायण को भी नामजद किया है. पांडे और रामकृष्ण फिलहाल को-लोकेशन घोटाले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं.
ये भी पढ़ें- Sourav Ganguly Birthday: जब 'भूत' के डर से दादा ने छोड़ा था होटल, जानिए पूरा किस्सा
NSE कर्मचारियों के फोन किए थे टैप
अधिकारियों ने कहा कि CBI ने संजय पांडे के खिलाफ दर्ज FIR के सिलसिले में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे, कोटा, लखनऊ, चंडीगढ़ और अन्य शहरों में 20 स्थानों पर छापेमारी कर रही है. सीबीआई ने बताया कि आरोप है कि कुछ अन्य कंपनियों के साथ एनएसई का सुरक्षा ऑडिट करने वाली आईसेक सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड ने 2009 से 2017 के दौरान एनएसई कर्मचारियों के फोन अवैध रूप से टैप किए थे.
उद्धव सरकार में कमिश्नर थे संजय पांडे
कंपनी ने उस समय के आसपास यह ऑडिट किया था जब कथित तौर पर को-लोकेशन अनियमितताएं हुई थीं. मार्च 2001 में पांडे ने यह कंपनी खड़ी की थी और मई 2006 में उन्होंने इसके निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद कंपनी का प्रभार उनके बेटे और मां ने ले लिया था. माना जाता है कि आईआईटी-कानपुर और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले पांडे ने सेवा से इस्तीफा देने के बाद यह कंपनी स्थापित की थी. हालांकि उनके इस्तीफे को राज्य सरकार ने स्वीकार नहीं किया था और वह दोबारा सेवा में शामिल हो गए थे लेकिन उन्हें तत्काल कहीं तैनात नहीं किया गया था. पांडे पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत एमवीए सरकार के दौरान मुंबई के पुलिस आयुक्त थे.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.